रामपाल का भांडा फूटने के बाद हरियाणा में चल रहे आश्रमों और डेरों से जुड़े और भी विवाद सामने आ रहे हैं. अब एक आश्रम से जुड़ी नाबालिग लड़की ने साध्वी पर अप्राकृतिक यौनाचार करवाने का आरोप लगाया है.
मामला श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम, दादरी का है. वहां रहने वाली एक नाबालिग ने आश्रम की साध्वी पर समलैंगिक विवाह कराने और अप्राकृतिक यौनाचार करवाने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर साध्वी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया है.
इस मामले में साध्वी के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बाल विकास विभाग में आकर बयान दर्ज करवाते हुए निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है. वहीं पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन कर दिया है. जांच का जिम्मा भिवानी डीएसपी अमित भाटिया को सौंप दिया है.
भिवानी के चरखी दादरी में 12 साल पुराने श्रीकृष्ण प्रणामी आश्रम में रह रही नाबालिग लड़की का आरोप है कि आश्रम की मुख्य साध्वी ने एक सहायक साध्वी के साथ उसका समलैंगिक विवाह कराया और अप्राकृतिक यौनाचार करवाया. लड़की ने यह बयान 29 नवंबर को मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत दर्ज कराया.
पुलिस ने इन बयानों पर कार्रवाई करने की बजाय 28 तारीख को डीएसपी के सामने दिए गए बयान के आधार पर साध्वी के खिलाफ सिर्फ वशीकरण की धारा लगाई. रविवार को साध्वी की गिरफ्तारी हुई और जमानत भी मिल गई. मामले में नया मोड़ तब आया, जब चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और शिखर चेतना संगठन ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़की के बयान के हिसाब से धाराएं नहीं लगाईं.
पीड़ित लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि वह मई, 2013 से आश्रम के सिलाई केंद्र से जुड़ी हुई है. नवंबर, 2013 में मुख्य साध्वी ने भगवान श्रीकृष्ण को साक्षी मानते हुए उसका समलैंगिक विवाह 22 वर्षीय सहायक साध्वी के साथ करा दिया. इसके बाद मुख्य साध्वी ने उन्हें पति-पत्नी के रूप में रहने का आदेश दिया. उसे कॉलेज जाने से रोका गया.
बाल विकास विभाग (सीडब्ल्यूसी) की चेयरपर्सन राजबाला श्योराण का कहना है कि पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, वो लड़की के बयान से अलग हैं. लड़की ने कमेटी के सामने लिखित बयान दर्ज कराकर अपने साथ आश्रम में अप्राकृतिक यौनाचार की बात कही है. इसलिए सीडब्ल्यूसी ने एसपी और संबंधित थाना प्रभारी को लड़की के बयान के आधार पर धाराएं लगाने का आग्रह किया है.
इस बारे में श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर के सैकड़ों श्रद्वालु भिवानी के बाल विकास सरक्षंण विभाग में पहुचें और अपना बयान दर्ज करवाया. इन सबों ने साध्वी को निर्दोष बताते हुए कहा कि साध्वी को एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. वहीं साध्वी कौशल बाई ने भी अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद व झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि मंदिर में ऐसा कुछ भी नहीं होता, मंदिर में सिर्फ भक्ति और कीर्तन-पूजा होती है न कि वशीकरण और तांत्रिक क्रिया.
जांच टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी अमित भाटिया ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. पीड़िता से मिलकर उनसे भी पूछताछ की है. जांच पूरी होने पर कार्रवाई की जाएगी.