कांग्रेस के पूर्व महासचिव और राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने खुलासा किया है कि 100 करोड़ में राज्यसभा की सीट बिकती है. बीरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी पर जमकर भड़ास निकाली है और आरोप लगाए हैं कि कुर्सी काबलियत से नहीं बल्कि दान से मिलती है.
बीरेंद्र सिंह ने दावा किया कि उनका रेलमंत्री बनना लगभग तय था लेकिन आखिरी मौके पर उनका पत्ता साफ हो गया. बीरेंद्र सिंह ने कहा, 'रेलमंत्री के लिए नाम तय हो गया था, चिट्ठी आ गई थी राष्ट्रपति की, लेकिन रेफरी ने सीटी बजा दी.'
कांग्रेस के पूर्व महासचिव के इस दर्द ने मनमोहन सिंह के कैबिनेट को बाजार में खड़ा माल बना दिया है बस खरीदार चाहिए. जींद में 20 अगस्त को कांग्रेस की रैली है. रैली में सोनिया गांधी भी आएंगी. सोनिया आएंगी तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी खड़े रहेंगे. बीरेंद्र सिंह कार्यकर्ताओं को आने का न्योता देने यमुनानगर गए थे, लेकिन जब पत्रकारों के सामने पहुंचे तो मन का मोम दर्द की आंच पर पिघलता चला गया.
कांग्रेस के पूर्व महासचिव बीरेंद्र सिंह ने कहा, 'किसी और पायदान की जरूरत पड़ती है कुर्सी के लिए.'
रेलमंत्री के लिए खुद को सबसे काबिल बताने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह के इस आरोप ने कांग्रेस की ईमानदारी की टोपी को ऐसा उछाला है कि सोनिया गांधी से लेकर राहुल और मनमोहन सिंह तक आंख मिचमिचा रहे हैं, लेकिन बीरेंद्र सिंह बोल गए तो बोल गए.
चौधरी बीरेंद्र सिंह लंबे समय से हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीति की कब्र खोदने में जुटे हुए हैं. जींद की रैली में सोनिया गांधी के सामने शक्ति प्रदर्शन करके चौधरी साहब अपनी राजनीति के उजड़े हुए चमन में गुल खिलाना चाहते हैं, लेकिन जज्बात की पटरी पर जुबान की रेल ऐसी चली कि पंजे वाली पार्टी का कंठ सूख गया है.