कम लिंगानुपात के लिए बदनाम हरियाणा में इस मामले में कुछ सुधार होता दिख रहा है, दिसंबर में लड़कियों का अनुपात प्रति एक हजार लड़कों के मुकाबले 900 के पार पहुंच गया है. दस सालों में ऐसा पहली बार हुआ है.
पिछले दस सालों में पहली बार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा, 'हरियाणा में लिंगानुपात में पिछले दस सालों में पहली बार दिसंबर 2015 में बढ़ोतरी हुई है. अब यह संख्या प्रति एक हजार लड़कों पर 905 लड़कियों की है.'
First time since 2000, sex ratio in Haryana crossed 900 and has reached at 905 in Dec 2015: Haryana CM ML Khattar pic.twitter.com/XmuL9cEDlW
— ANI (@ANI_news) January 16, 2016
बेटियों को बचाने में सिरसा सबसे आगे
खट्टर ने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की सफलता के लिए राज्य की बहुआयामी रणनीति को श्रेय दिया, जिसे 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ' अभियान के तहत लागू किया गया है. दिसंबर में 12 जिलों में लिंगानुपात 900 से ऊपर पहुंचा है, वहीं सिरसा इस सूची में शीर्ष पर है, जहां प्रति एक हजार लड़कों पर 999 लड़कियां हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकूला में लिंगानुपात 961, करनाल में 959, फतेहाबाद में 952, गुड़गांव में 946, सोनीपत में 942, जींद में 940, रेवाड़ी में 931, मेवात में 923, भिवानी और महेंद्रगढ़ में 912 और हिसार में 906 है.
950 का लिंगानुपात हासिल करना लक्ष्य
सूची में सबसे कम अनुपात झज्जर का 794 लड़कियों का है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अगले छह महीने के अंदर 950 का लिंगानुपात हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है.