पहलवान और बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त शनिवार को हरियाणा के सोनीपत बीजेपी कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के नेताओं के न जाने पर कहा कि वो एक तबके को खुश करना चाहते हैं, इसलिए नहीं जा रहे हैं. उन्होंने देश में कुश्ती विवाद पर कहा कि इससे जूनियर पहलवानों का नुकसान हो रहा है. बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को अपना अवार्ड वापस नहीं करना चाहिए था.
दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं. इस पर सियासत भी लगातार हो रही है. इस पर पहलवान और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता योगेश्वर दत्त ने कहा कि आज पूरा देश राम में डूब चुका है. पूरे देश में खुशी का माहौल है, क्योंकि 500 साल बाद राम मंदिर बन रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों पर यह हो रहा है.
कांग्रेस एक तबके को खुश करना चाहती
योगेश्वर दत्त ने आगे कहा कि हमें नहीं पता कि शंकराचार्य वहां पर क्यों नहीं जा रहे हैं. मगर, कांग्रेस के नेता इसलिए वहां पर नहीं जा रहे हैं, क्योंकि उन्हें एक तबके को खुश करना है. आगामी चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी तैयार है. पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाना है. बाद में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना है. इसके लिए पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसको निभाया जाएगा.
1 साल में कुश्ती को काफी नुकसान
वहीं, योगेश्वर दत्त ने कुश्ती जगत में चल रहे विवाद पर कहा कि भारतीय कुश्ती संघ को खेल मंत्रालय ने अभी सस्पेंड किया है. चुनाव अभी रद्द नहीं किए गए हैं. जूनियर पहलवान, जो धरने पर बैठे हैं हमें उनको समझना चाहिए. पिछले 1 साल में कुश्ती को काफी नुकसान हुआ है. जूनियर पहलवान कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं. टूर्नामेंट नहीं हो रहे हैं.
अवार्ड वापसी करना उनका निजी फैसला
योगेश्वर दत्त ने ये भी कहा कि कोई कैंप नहीं लग रहे हैं. जूनियर पहलवान की उम्र निकलती जा रही है. बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट के अवार्ड वापसी पर कहा कि यह उनका निजी फैसला है. मगर, इस तरह से अवार्ड वापस नहीं करनी चाहिए. क्योंकि हमें यह अवार्ड और पदक केवल अपनी मेहनत से नहीं मिली, बल्कि इस पदक और अवार्ड में उनके परिवार, गांव देश, सरकार का और खासकर टैक्स देने वाले लोगों का बहुत करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं.