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पूर्व क्रिकेटर निकला ठग, होटल ताज को लगाया 5.53 लाख का चूना, ऋषभ पंत से भी ठगे 1.63 करोड़

कभी आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम का प्रतिनिधित्व करने की बात, तो कभी कर्नाटक का सीनियर आईपीएस अधिकारी होने का झांसा देकर आरोपी मृणांक सिंह ने कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी की है. वह भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के साथ ही ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है. उसके मोबाइल में महिला मॉडल्स और लड़कियों के कई वीडियो और तस्वीरें मिली हैं, जिनमें से कुछ बेहद आपत्तिजनक हैं.

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मृणांक सिंह कर्नाटक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होने का देता था झांसा.
मृणांक सिंह कर्नाटक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होने का देता था झांसा.

नई दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने की पुलिस ने हरियाणा के एक ठग को गिरफ्तार किया है. वह हरियाणा के लिए अंडर-19 क्रिकेट खेल चुका है. आरोपी की पहचान मृणांक सिंह के रूप में की गई है. उसने जुलाई 2022 में ताज पैलेस होटल से 5,53,000 रुपये की धोखाधड़ी की थी. तब उसने दावा किया था कि वह आईपीएल की मुंबई इंडियंस टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा है. 

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जांच के दौरान पता चला कि आरोपी मृणांक सिंह ने कर्नाटक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी होने का झांसा देकर भारत भर में कई लक्जरी होटल के मालिकों और प्रबंधकों के साथ धोखाधड़ी की है. उसके धोखाधड़ी के शिकार लोगों में टीम इंडिया के इंटरनेशनल क्रिकेटर ऋषभ पंत भी शामिल हैं, जिनके साथ 2020-2021 में 1.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी. 

कई लोगों को बनाया ठगी का शिकार  

उसने होटल, बार, रेस्तरां, युवा लड़कियों, कैब ड्राइवर, खाने की छोटी दुकानों सहित कई लोगों के साथ ठगी की है. उसके मोबाइल की प्रारंभिक जांच से पता चला कि वह युवा महिला मॉडल्स और लड़कियों से परिचित था. उसके मोबाइल में कई वीडियो और तस्वीरें मिली हैं, जिनमें से कुछ बेहद आपत्तिजनक हैं.

उसे कोर्ट में पेश कर पुलिस ने दो दिन की कस्टडी ली है. मामले की आगे की जांच की जा रही है और उसके मोबाइल फोन का भी विश्लेषण किया जा रहा है. संभावना है कि इस मामले में अभी कई और पीड़ित भी सामने आ सकते हैं. 

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होटल ताज ने दर्ज कराई थी एफआईआर 

बताते चलें कि आरोपी के खिलाफ 22 अगस्त 2022 को ताज पैलेस होटल नई दिल्ली के सुरक्षा निदेशक  ने एक शिकायत चाणक्यपुरी पुलिस थाने में की थी. इसमें कहा गया था कि खुद को क्रिकेटर बताने वाला मृणांक सिंह होटल ताज पैलेस में 22 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक ठहरा था. वह होटल का 5,53,362 रुपये का बिल चुकाए बिना ही वहां से चला गया. जब उससे भुगतान के लिए कहा गया, तो उसने बताया कि भुगतान उनकी कंपनी एडिडास करेगी. 

इसके बाद होटल बैंक विवरण उनके साथ साझा किए गए थे. उन्होंने दो लाख रुपये के ऑनलाइन लेन-देन का यूटीआर नंबर: SBIN119226420797 शेयर किया. तुरंत, होटल के सिस्टम में इसकी जांच की गई, तो पता चला कि आरोपी ने कोई भुगतान नहीं किया था. 

पेमेंट के लिए बार-बार देता रहा झांसा

इसके बाद होटल ताज की तरफ से भुगतान संबंधी कार्रवाई के लिए मृणांक सिंह और उनके प्रबंधक श्री गगन सिंह से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया. उन्होंने कहा कि वह बकाया रकम चुकाने के लिए अपने ड्राइवर को नकदी के साथ भेज रहे हैं. मगर, कोई भी होटल नहीं पहुंचा. बकाया भुगतान के लिए आरोपी से कई बार संपर्क किया गया. मगर, हर बार वह झूठे बयान और वादे करते हुए गलत जानकारी देता रहा. 

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पिता बोले- संपत्ति से कर दिया है बेदखल 

जांच के दौरान सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस आरोपी मृणांक सिंह के पते पर भेजा गया. मगर, वह वहां मौजूद नहीं मिला. उनके पिता ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मृणांक सिंह को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है. दरअसल, उनका मृणांक पर कोई नियंत्रण नहीं था.

चाणक्यपुरी थाने की पुलिस ने आरोपी मृणांक सिंह का पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए. मगर, उसका कोई पता नहीं चल सका. वह बार-बार अपनी लोकेशन बदलने के साथ ही पुलिस की जांच से बचने के लिए सभी उपाय कर रहा था. 

परिचितों को दिलाया भरोसा कि विदेश में हो गया सेटल  

पुलिस ने कहा कि आरोपी का मोबाइल फोन स्विच ऑफ रहता था. उनके अधिकांश संचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या इंटरनेट चैटिंग एप्लिकेशन पर होते थे. उसके परिचितों को यह विश्वास दिलाया गया कि वह भारत में नहीं है और अब दुबई में बस गया है. इसके बाद उसके खिलाफ अदालत ने एक गैर-जमानती वारंट जारी किया और देश से बाहर भागने या भारत में गुप्त रूप से प्रवास करने का प्रयास करने की स्थिति में उसे गिरफ्तार करने के लिए एक लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया गया था. 

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25 दिसंबर 2023 को आरोपी को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर आव्रजन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया. वह हांगकांग के लिए उड़ान भरने की कोशिश कर रहा था. इसके बाद उसे चाणक्यपुरी पुलिस के हवाले कर दिया गया. 

एयरपोर्ट पर खुद को बताया सीनियर आईपीएस 

आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार करने के बाद आरोपी मृणांक को दिल्ली पुलिस के हवाले किया गया.

आईजीआई हवाई अड्डे पर अपनी हिरासत के दौरान ठग मृणांक सिंह ने खुद को कर्नाटक का आईपीएस अधिकारी बताकर प्रभावित करने की कोशिश की. उसने अपनी पहचान एडीजीपी आलोक कुमार बताई और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फोन करके कहा कि उसके बेटे मृणांक सिंह की मदद की जाए, जिसे आव्रजन अधिकारियों ने अवैध रूप से हिरासत में लिया है. 

हालांकि, इस बार उसका दांव नहीं चला और पूछताछ के बाद उसे 25 दिसंबर 2023 को मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान उसने बार-बार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. उसने दावा किया कि उसके पिता अशोक कुमार सिंह भी एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी रहे हैं और 1980 से 90 के दशक तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक ऑलराउंडर के रूप में खेले हैं और वर्तमान में वह एयर इंडिया में मैनेजर हैं. 

लाखों रुपये की कर चुका है ठगी  

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पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया कि वह एडीजीपी कर्नाटक होने का झांसा देकर कई लक्जरी रिसॉर्ट्स, होटल्स को लाखों रुपये का चूना लगा चुका है. कई मौकों पर आईपीएल क्रिकेटर के अपने स्टारडम का इस्तेमाल कर उन्हें प्रभावित करने और झूठे वादे पर कई दिनों तक रहने और बाद में पेमेंट करने की बाद कहकर बिना पेमेंट दिए चला गया. उसके मोबाइल फोन की प्राथमिक जांच से पता चला कि उसने कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है और ठगी की रकम लाखों में है. 

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