
हिंसा अपने पीछे जख्म छोड़कर जाती है, जिसमें दर्द छिपा होता है. आज नूंह उसी दर्द से गुजर रहा है, जिसके निशां इतनी आसानी से मिटने वाले नहीं हैं. 31 जुलाई को हरियाणा के नूंह में हिंसा भड़की थी. दो समुदायों के बीच टकराव हुआ था. इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. नूंह हिंसा के मामले में एक FIR में इंस्पेक्टर पंकज कुमार के बयान दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने अपने बयान में कहा है कि हमने तावडू 600 से 700 उपद्रवियों को देखा. भीड़ में शामिल लोग धार्मिक नारे लगा रहे थे. थोड़ी देर बाद भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया. वे लगातार पथराव कर रहे थे. तभी भीड़ के बीच से कुछ लोगों ने फायरिंग कर दी. उनका कहना है कि उन्होंने और इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने माइक्रोफोन के जरिए भीड़ को समझाने की कोशिश की कि कानून अपने हाथ में न लें, लेकिन भीड़ पथराव करती रही और तड़ातड़ गोलियां चलती रहीं. तभी एक गोली इंस्पेक्टर अनिल कुमार को लग गई. वह घायल हो गये और एक अन्य एएसआई जगवीर भी घायल हो गए.
इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने अपने बयान में कहा कि 600-700 लोगों उग्र भीड़ इस कदर बेकाबू हो चुकी थी कि वह पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से पथराव और फायरिंग करने लगे. इस घटना सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है. एफआईआर में कहा गया है कि मजबूरन पुलिस को एके-47 और सर्विस पिस्टल से हवाई फायरिंग करनी पड़ी. लेकिन बदमाशों की मंशा 'पूर्व नियोजित तरीके से साजिश' के तहत पुलिस पर हमला करने की थी. मैं इसमें कुछ लोगों को पहचान सकता हूं. उन्होंने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
ये है FIR की कॉपी...
'पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती'
उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि ये भी सच है कि हम हर किसी की रक्षा नहीं कर सकते. कोई भी पुलिस या सेना भी इसकी गारंटी नहीं दे सकता. सीएम खट्टर ने कहा कि प्रदेश की आबादी 2.7 करोड़ है. हमारे पास 60 हजार जवान हैं, ऐसे में पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती. हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के बारे में बात करते हुए खट्टर ने कहा कि भीड़ की हिंसा में जिन लोगों ने अपनी संपत्ति खोई है, उन्हें मुआवजा मिलेगा.
मोनू मानेसर पर क्या बोले सीएम खट्टर?
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि राजस्थान पुलिस बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, जिस पर फरवरी में 2 मुस्लिम युवकों की हत्या का मामला दर्ज किया गया था. कुछ लोगों ने मोनू मानेसर पर नूंह हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया है. खट्टर ने कहा कि गोरक्षक मोनू मानेसर के खिलाफ आखिरी मामला राजस्थान पुलिस ने दर्ज किया था. मुख्यमंत्री ने नूंह और गुड़गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस मोनू मानेसर की तलाश कर रही थी. वह अभी कहां है, इसका हमें कोई इनपुट नहीं है. राजस्थान पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है. खट्टर ने ये भी कहा कि उनकी सरकार मोनू मानेसर को पकड़ने के लिए उन्हें (राजस्थान पुलिस) हर सहायता प्रदान करेगी. ऐसी खबरें थीं कि 30 वर्षीय मानेसर को विश्व हिंदू परिषद के जुलूस में शामिल होना था, जिस पर सोमवार को मुस्लिम बहुल नूंह में हमला किया गया था.
अबतक 40 FIR दर्ज की गईं
वहीं, हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा सरकार ने मेवात में हुई घटना पर कार्रवाई की है. अर्धसैनिक बल तैनात किया गया और RRB की एक स्थायी बटालियन भी वहां तैनात की गई है. स्थिति नियंत्रण में है. शांति बैठकें हुई हैं. 40 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं, 100 से अधिक लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है और 90 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. सरकार बर्बरता करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है.
नूंह में कब भड़की हिंसा?
31 जुलाई को नूंह के मेवात में एक धार्मिक यात्रा के दौरान 2 समुदायों के बीच टकराव हुआ था. इस हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 2 होमगार्ड्स और 4 आम नागरिक शामिल हैं. इनके अलावा 20 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है. दंगों को लेकर अब तक पुलिस ने 40 FIR दर्ज की गई हैं. 116 आरोपियों को अरेस्ट भी कर लिया गया है. नूह, पलवल, मानेसर, सोहाना और पटौदी में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. 16 अर्धसैनिक बल और 30 हरियाणा पुलिस कंपनियां नूह में तैनात हैं. RAF ने कई जगहों पर फ्लैग मार्च निकाला. कई शांति समिति बैठकें की गईं.