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जींद: हरियाणा सरकार ने नहीं मानी मांगें तो 120 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

उन्होंने बताया कि कई बार हमारे समाज के लोग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिले, लेकिन सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. उन्होंने बताया कि हम कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो सरकार ने वादे किए थे उन्हीं को पूरा करने के लिए कह रहे हैं.

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113 दिनों से धरने पर बैठे थे दलित
113 दिनों से धरने पर बैठे थे दलित

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सरकार के प्रति अपना रोष जाहिर करते हुए हरियाणा के जींद में करीब 120 दलितों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है. सरकार के द्वारा मांगे पूरी ना की जाने के बाद इन परिवारों ने दिल्ली के लद्दाख बौद्ध भवन में जाकर बौद्ध धर्म को अपनाया. दलित नेता दिनेश खापड़ ने बताया कि वह पिछले 113 दिनों से जींद में धरना दे रहे थे, लेकिन राज्य सरकार ने हमारी एक भी बात नहीं सुनी.

उन्होंने बताया कि कई बार हमारे समाज के लोग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिले, लेकिन सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. उन्होंने बताया कि हम कोई नई मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो सरकार ने वादे किए थे उन्हीं को पूरा करने के लिए कह रहे हैं.

क्या हैं मांगें?

दरअसल, इन सभी की मांग हैं कि गैंगरेप केस की सीबीआई जांच की जाए, ईश्वर हत्याकांड के परिजनों को नौकरी दी जाए, जम्मू में शहीद हुए दलित परिवार को नौकरी दी जाए और इसके अलावा एससी/एसटी एक्ट में अध्यादेश लाया जाए.

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दिनेश खापड़ ने कहा कि जब सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया. उनका आरोप है कि हिंदू समाज के ठेकेदार दलितों का शोषण करने में लगे हैं, ऐसे में धर्म बदलना मजबूरी बन गया था.

आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में दलितों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है, इसके अलावा हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए बदलाव के बाद भी दलितों का रोष देखने को मिला था.

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