दिल्ली हाईकोर्ट अगले सप्ताह हरियाणा में भवन निर्माणकर्ताओं के लाइसेंस की सीबीआई जांच की याचिका पर सुनवाई करेगा. इस जांच में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी शामिल है.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति नंदराजोग की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय करते हुए कहा कि हम मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करेंगे. अधिवक्ता एमएल शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दलील दी थी कि हरियाणा में 21,366 एकड़ कृषि भूमि पर रिहायशी कॉलोनी बनाने और भवन निर्माण कराने के लिए कई सारे भवन निर्माताओं को संवैधानिक नियमों का पालन किए बिना ही लाइसेंस दिया गया है. इससे राज्य को 3.9 लाख करोड़ का राजकोषीय घाटा हुआ है.
शर्मा ने अपनी याचिका में कहा कि कॉलोनियां बनाने के लिए लाइसेंस का आवंटन हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के विनियमन अधिनियम, 1975 का उल्लंघन है. याचिका में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) शशि कांत शर्मा द्वारा तीन जून 2013 को सौंपे गए पत्र को खारिज करने की मांग की गई, जिसमें वाड्रा से संबंधित स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस की जांच को वापस लेने का आरोप है.
याचिका में कहा गया है कि जांच के आदेश शशिकांत शर्मा से पहले कैग अधिकारी रहे विनोद राय ने दी थी. याचिका में स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड और राजस्थान में इसकी शाखाओं के लिए किए गए जमीन के सौदों की जांच की मांग की गई है.