हरियाणा के करनाल में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति की शादी 44 साल बाद टूटी गई और 70 साल की बुजुर्ग महिला को पति ने तलाक दे दिया. पति ने अपनी जमीन और फसल बेचकर महिला को 3 करोड़ रुपये दिए. दोनों का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र में सुलझा.
फसल बेचकर दिया गुजारा भत्ता
तलाक के इस अनोखे मामले ने सभी को हैरान कर दिया है. करनाल में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपती ने शादी के 43 साल बाद तलाक ले लिया. व्यक्ति की उम्र 69 साल व महिला की उम्र 70 साल है. दोनों ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के मध्यस्थता और सुलह केंद्र की मदद ली. पति ने पत्नी को 3.07 करोड़ का स्थायी गुजारा भत्ता देने का समझौता किया. इसके लिए व्यक्ति ने अपनी जमीन और फसल तक बेच दी.
दोनों की शादी 27 अगस्त 1980 को हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी. शादी के बाद उनके तीन बच्चे हुए. इनमें दो बेटियां और एक बेटा शामिल है. 8 मई 2006 से दोनों अलग रहने लग गए थे. दोनों ने एक-दूसरे से अलग होने पर सहमति जताई थी.
3.07 करोड़ में शादी समाप्त करने पर जताई सहमति
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने 4 नवंबर 2024 को इस मामले को सुलह और समझौते के लिए मध्यस्थता केंद्र में भेजा. मध्यस्थता के दौरान पति, पत्नी और उनके तीनों बच्चों ने 3.07 करोड़ के भुगतान पर शादी समाप्त करने पर सहमति जताई. पति ने अपनी कृषि योग्य जमीन बेचकर 2.16 करोड़ का डिमांड ड्राफ्ट पत्नी को दे दिया. इसके अलावा गन्ने व अन्य फसलें बेचकर जे-फार्म के तहत 50 लाख रुपए कैश का भुगतान किया.
पति की मौत के बाद संपत्ति पर दावा नहीं ठोक सकते
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि मरने के बाद संपत्ति पर दावा नहीं ठोका जा सकता और 3.07 करोड़ की राशि स्थायी गुजारा भत्ता मानी जाएगी. इन पैसों के अलावा पत्नी और बच्चे, पति या उसकी संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं जताएंगे. अगर पति की मौत भी हो जाती है तो वह उसकी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकते. जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की बेंच ने समझौते को स्वीकार करते हुए शादी खत्म करने का आदेश जारी किया.