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EXCLUSIVE: हरियाणा में भी चलेगा 'मोदी का जादू', बोले हरियाणा बीजेपी सह प्रभारी डॉ. अनिल जैन

लोकसभा चुनावों में पार्टी की जबरदस्त जीत से उत्साहित बीजेपी को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी जीत का पूरा भरोसा है. पार्टी ना सिर्फ जीत के प्रति आश्वस्त है बल्कि उसका मानना है कि हरियाणा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू चलेगा और पार्टी अपने दम पर सरकार बनाएगी.

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बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और हरियाणा बीजेपी के सह-प्रभारी डॉ. अनिल जैन
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और हरियाणा बीजेपी के सह-प्रभारी डॉ. अनिल जैन

लोकसभा चुनावों में पार्टी की जबरदस्त जीत से उत्साहित बीजेपी को हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी जीत का पूरा भरोसा है. पार्टी जीत के लिए प्रति आश्वस्त है और उसका मानना है कि हरियाणा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू चलेगा और पार्टी अपने दम पर सरकार बनाएगी. आज तक वेबसाइट को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और हरियाणा बीजेपी के सह-प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने कहा कि बीजेपी किसी भी सूरत में सरकार बनाने के लिए इंडियन नेशनल लोक दल से गठबंधन नहीं करेगी.

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गौरतलब है कि तमाम राजनीतिक उठापटक के बीच हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड में हुए उप-चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन पार्टी हरियाणा में अपनी स्थिति मजबूत मानकर चल रही है. चुनाव की तैयारियों और इस बाबत तमाम मुद्दों पर डॉ. जैन ने अपनी बेबाक राय साझा की.

आज तक वेब: क्या इस बार हरियाणा कांग्रेस मुक्त हो जाएगा?
अनिल जैन: ये तो निश्चित है कि हरियाणा कांग्रेस मुक्त हो रहा है. हालांकि कांग्रेस को कुछ सीटें जरूर आएंगी, लेकिन हरियाणा में कांग्रेस ना तो सरकार में आएगी और ना ही मुख्य विपक्षी दल होगी. कुल मिलाकर हरियाणा में भी कांग्रेस की हालत लोकसभा चुनाव की तरह ही होने वाली है.

आज तक वेब: क्या बीजेपी मान रही है कि हरियाणा में भी मोदी का जादू चलेगा?
अनिल जैन: जी हां, मोदी का जादू हरियाणा में भी चलेगा इसमें किसी शक की गुंजाइश नहीं है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में हरियाणा में जो परिणाम आए हैं वो सबके सामने है.

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आज तक वेब: आम तौर पर देखा गया है कि बीजेपी नेतृत्व का ऐलान चुनाव के पहले कर देती है, ऐसे में हरियाणा का सीएम कैंडिडेट कौन होगा?
अनिल जैन: ऐसा हमेशा नहीं होता. 2007 में जो उत्तराखंड का चुनाव हुआ था उसमें भी हमने चुनाव के पहले सीएम कैंडिडेट डिक्लेयर नहीं किया था. चुनाव के पहले सीएम डिक्लेयर करना है या नहीं. किसे करना है ये हमारी पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड को तय करना है इसलिए इस मुद्दे पर फिलहाल कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.

आज तक वेब: क्या कैप्टन अभिमन्यु और राव इंद्रजीत सीएम की रेस में हैं?
अनिल जैन: देखिए, फिलहाल किसी एक नाम पर टिप्पणी करना उचित नहीं है क्योंकि पार्टी ने इस विषय पर कोई स्टैंड नहीं लिया है. कई ऐसे और भी नाम हैं जिसमें संभावनाएं हैं, लेकिन आखिरी फैसला पार्टी को मिलकर करना है.

आज तक वेब: जो कांग्रेसी नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं उनके लिए क्या खास है?
अनिल जैन: ऐसे लोगों की लिस्ट बहुत लंबी है. बीजेपी ने किसी भी नेता को किसी शर्त पर बीजेपी में शामिल नहीं किया है. जो भी नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं उन्होंने कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व से दुखी होकर बीजेपी का दामन थामा है. जिस तरह से जनता का बीजेपी के प्रति आकर्षण बढ़ा है और कांग्रेस जैसे बड़े दलों के नेता अपनी पार्टी छोड़कर बीजेपी की तरफ आ रहे हैं. ये दर्शाता है कि जनता में बीजेपी की तरफ विश्वास बढ़ा है वो लोग उसे भांप पा रहे हैं और इसलिए बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.

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आज तक वेब: टिकट बंटवारे पर बीजेपी की क्या रणनीति है?
अनिल जैन: टिकट बंटवारे पर कुछ खास रणनीति नहीं है. ये हमारे कार्यकर्ता और संगठन पर निर्भर करता है. क्षेत्र के सामाजिक समीकरण को देखते हुए ही टिकट दिए जाते हैं.

आज तक वेब: उत्तराखंड उप-चुनाव में 'मोदी के जादू' का असर कुछ खास नहीं दिखा. हरियाणा चुनाव में बीजेपी पर उसका क्या असर पड़ेगा?
अनिल जैन: उत्तराखंड की दो-तीन सीटों के परिणाम को हम बहुत गंभीरता से नहीं ले सकते. उत्तराखंड के उपचुनाव के परिणाम का हरियाणा पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

आज तक वेब: चुनाव में बीजेपी के मुख्य मुद्दे क्या हैं?
अनिल जैन: हरियाणा में इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति पाना है. राज्य की जनता कांग्रेस सरकार से त्रस्त है. यहां की सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है. अपने आकाओं को खुश करने के लिए सरकार में बैठे नेताओं ने क्या-क्या किया है इसकी जानकारी सभी को है. हरियाणा को एक तरह से प्रॉपर्टी डीलिंग का अड्डा बना दिया गया है. जिस तरह से पूरे राज्य में किसानों की जमीनों की लूट हुई है वो दिख रहा है. किसानों की जमीन सस्ते दाम पर लेकर महंगे दामों में बेची गई है. जिस 1 एकड़ की जमीन का मुआवजा 8 लाख रुपया दिया गया, सरकार ने उसी जमीन को करोड़ों में बेचा है. मेरे हिसाब से वहां के लोगों के लिए ये सबसे बड़ा मुद्दा है.

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दूसरा मुद्दा है उद्योग धंधा, जिसे कांग्रेस की सरकार ने चौपट कर दिया है. पूरे राज्य में उद्योग धंधे की हालत बहुत खराब है और इनमें से कई तो बंद होने की कगार पर आ गए हैं. हुड्डा सरकार ने विकास के नाम पर असंतुलित विकास किया है. पूरे राज्य में बिजली, सड़कों और पानी की हालत बिल्कुल खराब है. सरकार ने राज्य की सिंचित भूमि को बढ़ाने का काम भी नहीं किया है, जिसकी वजह से हरियाणा कृषि प्रधान प्रदेश होने के बावजूद कृषि विकास दर में बाकी राज्यों से पीछे है. सरकार ने उत्पादन, डिस्ट्रिब्युशन और किसानों को उसका वाजिब दाम दिया जाए, इस व्यवस्था को भी ठीक तरीके से लागू नहीं किया है. ऐसे कई और मुद्दे हैं जिसे लेकर हम जनता के बीच में जाएंगे.

आज तक वेब: चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक बीजेपी हरियाणा में क्लीन स्वीप करने जा रही है, क्या आप इससे इत्तेफाक रखते हैं?
अनिल जैन: बिल्कुल, इस बात में कहीं कोई संदेह नहीं है. ये तो तय है कि हरियाणा में बीजेपी अपने बलबूते सरकार बनाने जा रही है.

आज तक वेब: क्या बीजेपी INLD के साथ गठबंधन करेगी?
अनिल जैन: नहीं, बीजेपी INLD के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि राजनीति में अकड़ और जिद से बात नहीं चलती. ये परिस्थिति पर निर्भर करता है. लेकिन हमारी पार्टी में गठबंधन का फैसला केंद्रीय नेतृत्व करता है और वो ही इस पर अंतिम मुहर लगाएगा.

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आज तक वेब: हरियाणा में जाट रिजर्वेशन एक बड़ा मुद्दा है, इस पर बीजेपी की क्या राय है?
अनिल जैन: देखा जाए तो रिजर्वेशन एक ऐसा मुद्दा है, जिसका कोई भी पार्टी विरोध नहीं करती. इसका सीधा संबंध वोट बैंक से होता है. हालांकि बीजेपी मानती है कि रिजर्वेशन एक संवेदनशील मुद्दा है और इसकी चर्चा देशभर में नए सिरे से की जानी चाहिए. इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि किस वर्ग या जाति के लोगों को रिजर्वेशन दिया जाए. कौन से लोग रिजर्वेशन का कितने बार फायदा उठा चुके हैं. यह एक गंभीर मामला है. निश्चित तौर पर चुनाव के बाद ही इस पर ठीक तरीके से चर्चा हो सकती है.

आज तक वेब: आजकल सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट का मुद्दा गर्माया हुआ है. क्या एक हिंदी भाषी राज्य होने के नाते हरियाणा चुनाव में ये मुद्दा बीजेपी पर भारी पड़ सकता है?
अनिल जैन: कांग्रेस ने ही सी-सैट को 2011 में लागू किया था और फिर उन्होंने इस मुद्दे पर कोई काम नहीं किया. हमारी सरकार महज 75 दिनों की है और इतने कम समय में केंद्र सरकार ने जो राहत छात्रों को दी है वो काबिल-ए-तारीफ है और इसका फायदा हमें हरियाणा के साथ-साथ बाकी राज्यों के चुनावों में भी मिलेगा. आने वाले समय में केंद्र सरकार इस मुद्दे पर और भी काम करेगी.

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