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'पायलट गाड़ी प्रोवाइड कराओ...' IPS बनकर DCP को किया कॉल, फिर पुलिस टीम ने रिसीव किया, और...

फरीदाबाद पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि वह खुद को आईपीएस बता कर पुलिस पर रौब जमा रहा था. लेकिन बातचीत के दौरान वह शक के घेरे में आ गया और उसका भंडाफोड़ गया.

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पुलिस को फोन मिलाकर मंगाई गाड़ी और चल पड़ा...रास्ते में ऐसी हरकतों से पकड़ा गया फर्जी IPS
पुलिस को फोन मिलाकर मंगाई गाड़ी और चल पड़ा...रास्ते में ऐसी हरकतों से पकड़ा गया फर्जी IPS

हरियाणा में फरीदाबाद पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि वह खुद को आईपीएस बता कर पुलिस पर रौब जमा रहा था. बातचीत करने के दौरान जब पुलिस अधिकारी को उसपर  शक हुआ तो फिर जांच के लिए दिल्ली पुलिस की मदद ली गई और उसके बाद आरोपी का भंडाफोड़ हुआ.

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पुलिस गिरफ्त में दिखाई दे रहा है यह शख्स साउथ दिल्ली का रहने वाला गौरव शर्मा है जिसे फरीदाबाद की पल्ला थाना पुलिस ने आईपीएस ना होते हुए भी खुद को आईपीएस और डीसीपी साउथ दिल्ली सुरेन्द्र चौधरी बताकर पुलिस पर धौंस जमाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

पल्ला थाने के एसएचओ रणधीर सिंह ने मीडिया को बताया कि आरोपी गौरव शर्मा ने खुद को डीसीपी साउथ दिल्ली बताकर फरीदाबाद की डीसीपी सेंट्रल जोन को फोन कर बताया था कि उन्हें फरीदाबाद आना है और उसे रास्ते की जानकारी नहीं है. ऐसे में उसे पायलट गाड़ी प्रोवाइड कराई जाए. इस पर डीसीपी सेंट्रल ने संबंधित थाने को सूचना दी और उन्हें मदद करने को कहा.

पुलिस के मुताबिक आरोपी गौरव शर्मा को फरीदाबाद दिल्ली बॉर्डर से रिसीव किया गया इसके बाद जब फरीदाबाद सेक्टर 37 में उससे पूछा गया कि आपको कहां जाना है तो थोड़ा आगे जाकर आरोपी गौरव शर्मा ने कहा कि उसे कहीं नहीं जाना उसे वापस नोएडा छोड़ दो.इस पर एसएचओ रणधीर सिंह को शक हुआ और उन्होंने दिल्ली के जैतपुर थाना प्रभारी से संपर्क किया और डीपी साउथ दिल्ली के बारे में जानकारी हासिल की.इसके साथ ही रणधीर सिंह ने SHO जैतपुर से कथित डीसीपी का मोबाइल नंबर वेरीफाई करने को कहा तो सारा मामला खुल गया.इसके बाद पुलिस ने आरोपी गौरव शर्मा को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की.

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एसएचओ रणधीर सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ फरीदाबाद के पल्ला थाने में एक युवती को परेशान करने का मामला भी दर्ज है.इस मामले में भी उसने खुद को आईपीएस बताते हुए पुलिस पर दबाव बनाया था.पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह एक प्राइवेट कंपनी में सीनियर मैनेजर के तौर पर कार्यरत है .हालांकि खुद को आईपीएस बताने के पीछे उसका क्या मकसद है, यह जानने के लिए पुलिस जांच कर रही है.
 

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