हरियाणा में दो किसान नेताओं रवि आजाद और विकास सिसार की गिरफ्तारी पर घमासान मच गया था. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों की तत्काल रिहाई और इनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस लिए जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था. एसकेएम ने आज भी इसे लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया था. अब गिरफ्तार नेताओं को पुलिस ने रिहा कर दिया है.
एक दिन पहले ही कोर्ट ने रवि आजाद और विकास सिसार को जमानत दी थी. दोनों को गिरफ्तार कर लिए जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत टोहाना थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे. पूरी रात अन्य किसान नेताओं के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठे रहे टिकैत ने यह ऐलान किया था कि जब तक दोनों को रिहा नहीं किया जाता, वे धरने पर बैठे रहेंगे. प्रदर्शनकारी किसान थाने के बाहर से नहीं हटेंगे.
किसान नेताओं ने प्रदर्शन खत्म करने की अपील ठुकराते हुए कहा था कि जब तक दोनों की रिहाई नहीं हो जाती, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. एसकेएम की ओर से आज यानी 7 जून को बड़े स्तर पर प्रदर्शन का ऐलान किया गया था. एसकेएम के नेता राकेश टिकैत के साथ ही योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के साथ ही दर्जनों नेता टोहाना थाने के बाहर प्रदर्शन में शामिल थे.
एसकेएम के ऐलान को देखते हुए दोनों नेताओं की जमानत पर रिहाई को माहौल शांत कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. गौरतलब है कि हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार के घटक जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) विधायक देवेंद्र सिंह बबली की ओर से किसानों को लेकर आए एक विवादित बयान के बाद किसानों ने उनके आवास का घेराव करने की कोशिश की थी.
किसानों के एक दल ने विधायक को 1 जून के दिन काले झंडे भी दिखाए थे. बयान पर विवाद बढ़ता देख जेजेपी विधायक ने माफी भी मांग ली थी. इसी मामले में टोहाना पुलिस ने रवि आजाद और विकास सिसार को 2 जून के दिन गिरफ्तार किया था. किसानों ने पहले भी बबली पर अनुचित भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.