पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह कुरुक्षेत्र की यादव धर्मशाला में पहुंचे. यहां उनका स्वागत किया गया. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है. अगर बीजेपी सोचती है कि एनडीए को मजबूत करने से फायदा होगा तो यह उन्हें उचित नहीं लगता.
उन्होंने उचाना हॉट सीट पर दोबारा से चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में कहा कि उनका परिवार इस सीट से चुनाव लड़ता आ रहा है और वो भी इसी सीट से लड़ेंगे. 2 अक्टूबर को नई पार्टी बनाने के सवाल पर कहा कि ये तो 2 अक्टूबर को ही पता चलेगा. अभी इस बारे में कुछ नहीं कह सकते.
'सभी दलों की राय के बाद फैसला लिया जाएगा'
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने जननायक जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास अपना कोई वोट बैंक नहीं है. इसके साथ ही 'वन नेशन वन इलेक्शन' के मुद्दे पर उन्होंने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी. कहा कि कमेटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की देखरेख में बनाई गई है. इसलिए सभी दलों की राय के बाद कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा.
पूर्व राष्ट्रपति से मिले कानून मंत्रालय के अधिकारी
बता दें कि एक देश एक चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हैं. इस संबंध में केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें ब्रीफिंग दी. दरअसल, कोविंद लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने की जांच करने और सिफारिशें करने के लिए उच्च स्तरीय समिति के प्रमुख हैं.
सरकार ने शनिवार को आठ सदस्यीय समिति को अधिसूचित किया था. मामले की जानकारी देते हुए कानून सचिव नितेन चंद्रा, विधायी सचिव रीता वशिष्ठ और अन्य ने रविवार दोपहर को कोविंद से मुलाकात की और समिति के एजेंडे के बारे में जानकारी साझा की.
'समिति का गठन एक प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था'
इस सवाल का जवाब देते हुए कि सरकार ने उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा करने के लिए 'संकल्प' क्यों जारी किया, एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय मिसालों का पालन कर रहा है. चुनावों के राज्य वित्त पोषण पर इंद्रजीत गुप्ता समिति का गठन एक प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था. केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अपनाए गए एक प्रस्ताव द्वारा हर तीन साल में विधि आयोग का पुनर्गठन भी किया जाता है.