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गुरुग्राम: हीरो होंडा चौक पर फ्लाईओवर बनाने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 4 गिरफ्तार, चार साल तक चली जांच

गुरुग्राम के हीरो होंडा चौक पर बने फ्लाईओवर का एक बड़ा हिस्सा घटिया सामग्री लगाकर निर्माण करने के कारण 8 मई 2019 को टूट कर गिर गया था. इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाया. चार साल की लंबी जांच के बाद प्रोजेक्ट मैनेजर समेत 4 दोषियों को सेक्टर-37 पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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 8 मई 2019 को टूट गया था फ्लाईओवर.
8 मई 2019 को टूट गया था फ्लाईओवर.

हरियाणा के गुरुग्राम पुलिस ने हीरो होंडा चौक पर बने फ्लाईओवर टूटने के मामले में प्रोजेक्ट मैनेजर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. हिस्सा घटिया निर्माण सामग्री लगे होने की वजह से फ्लाईओवर का एक बड़ा 8 मई 2019 को टूट कर गिर गया था. इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता रमेश यादव ने माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

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रमेश यादव की शिकायत पर सेक्टर- 37 थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. सरकारी पैसे का गबन कर घटिया सामग्री लगाकर निर्माण करने वालों पर कार्रवाई के लिए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. चार साल तक चली लंबी जांच के बाद सेक्टर-37 पुलिस ने 4 दोषियों को गिरफ्तार किया है.

मार्च 2017 में पब्लिक के लिए खोला गया था फ्लाईओवर

आरोपियों की पहचान दिनेश निगम, रविंद्र यादव, राकेश कुमार और मधुसूदन राव प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में हुई है. सभी आरोपी पुल का निर्माण करने वाली कंपनी की इंजीनियरिंग विंग से संबंधित हैं, जिनकी देखरेख में यह पुल बना था. इस फ्लाईओवर का निर्माण नवंबर 2014 में शुरू किया गया था और मार्च 2017 में पब्लिक के लिए इसे खोल दिया गया था.

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197 करोड़ रुपए की लागत से किया गया था तैयार

गुरुग्राम-जयपुर को जोड़ने वाले 1.4 किलोमीटर के इस फ्लाईओवर का निर्माण वल्चा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 197 करोड़ रुपए की लागत से बनाया था. इस मामले की जांच एएसआई अशोक कुमार ने की थी और सभी आरोपियों को भी उन्होंने ही गिरफ्तार किया है.

भागलपुर में भी 4 जून को भरभराकर गिर गया निर्माणाधीन पुल

गौरतलब है कि बिहार के भागलपुर में 4 जून रविवार को निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया था. देखते ही देखते यह पुल गंगा नदी में समा गया था. पुल से कुछ ही दूरी पर खड़े लोगों ने इस खौफनाक मंजर को अपने मोबाइल कैमरा में भी कैद किया है.

बता दें, बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है. छह महीने पहले यानी दिसंबर 2022 में भी बेगूसराय में गंडक नदी पर बना पुल इसी तरह ढह गया था. वो भी उद्घाटन से पहले ही गिर गया था.

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