हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गोठड़ा गांव में लड़कियों के अनशन के बाद स्कूल अपग्रेडेशन की घटना को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपवाद करार दिया है. गोठड़ा गांव में 80 लड़कियों द्वारा अपने गांव के 10वीं तक के स्कूल को 12वीं तक किए जाने की मांग को लेकर बीते 8 दिन के अनशन पर चुप्पी तोड़ते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गोठड़ा में जो कुछ हुआ वह अपवाद है और किसी अपवाद को नियम नहीं मानना चाहिए.
रेवाड़ी जिले के एक कार्यक्रम में पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जब पूछा गया कि गोठड़ा गांव के बाद क्या हरियाणा सरकार राज्य के दूसरे इलाकों में भी इसी तरह के स्कूलों को अपग्रेड करने का नियम बना रही है. तो मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा "हम ज्यादा से ज्यादा स्कूल खोलेंगे. जहां छात्र नहीं हैं वहां स्कूल खोलने का कोई लाभ नहीं है. अध्यापक भेजेंगे तो बच्चों को पढ़ने के लिए ही भेजेंगे. बिना बच्चों के अध्यापक भेजने की आवश्यकता नहीं है."
क्या है पूरा मामला?
रेवाड़ी गांव के गोठड़ा गांव में स्कूल जाने वाली लड़कियां स्कूल जाते वक्त की जाने वाली छेड़खानी और अपने स्कूल को दसवीं से अपग्रेड कर बारहवीं तक किए जाने को लेकर अनशन पर बैठी थीं. आजतक ने पहले भी इन लड़कियों के अनशन व भूख हड़ताल की खबर दिखाई थी. आजतक पर 8 दिन के अनशन को दिखाए जाने के बाद खट्टर सरकार लड़कियों की जिद के आगे झुकी और बुधवार को गोठड़ा गांव के विद्यालय का दर्जा बढ़ाए जाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद गुरुवार को गांव की 18 लड़कियों ने अपने पुराने उच्च माध्यमिक विद्यालय से नाम कटवाकर गांव के ही अपने ही गांव के स्कूल में दाखिला ले लिया. पहले उन्हें गांव से 3 किलोमीटर दूर पढ़ाई के लिए जाना होता था.
रेवाड़ी में सीएम ने DPRO को किया सस्पेंड
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक कार्यक्रम में गैरहाजिर अधिकारी से नाराज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मौके पर ही उस अधिकारी को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए. यह पूरा वाकया रेवाड़ी के इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के भीतर एक कार्यक्रम का है. पत्रकारों की शिकायत के बाद सीएम ने जिले के डीपीआरओ सुरेंद्र वर्मा को सस्पेंड करने के आदेश दे दिए. पत्रकारों ने डीपीआरओ के उनके दफ्तर से लगातार गैरमौजूदगी की भी शिकायत की थी. वे इस कार्यक्रम के दौरान भी मौके पर मौजूद नहीं थे और सीएम खट्टर ने उन्हें सस्पेंड करने के आदेश दे दिए. ऐसे में वहां मौजूद दूसरे सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की भी सांसें फूलने लगीं.