साइबर सिटी की पुलिस अनूठे साइबर सेफ्टी अभियान में जुटी हुई है. पुलिस ने 10वीं क्लास तक के बच्चों को फेसबुक से दूर करने का अभियान छेड़ा हुआ है. इसमें शहर के 23 स्कूल भी पुलिस के साथ हैं. उनका तर्क है कि फेसबुक पर बिजी रहने से बच्चे पढ़ाई से भटक रहे हैं. 6 दिन में 1200 से ज्यादा बच्चों के फेसबुक अकाउंट डीएक्टिवेट किए जा चुके हैं.
इस अभियान के पीछे एक सर्वे है जो पुलिस के साइबर सेफ अभियान के दौरान कराया गया था. दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी ने शहर के करीब 12 स्कूलों के 1000 बच्चों को इसमें शामिल किया था. सामने आया कि जिन बच्चों के फेसबुक या दूसरी साइटों पर अकाउंट हैं, उनके मार्क्स इन साइटों को इस्तेमाल न करने वाले बच्चों के मुकाबले 15-20 फीसदी कम रहते हैं.
इस अभियान में डीएलएफ, सुशांत लोक, सोहना रोड, सेक्टर 56, सेक्टर 43, ओल्ड गुड़गांव के करीब 23 स्कूल पुलिस के साथ हैं. इनमें डीसीएस, लोटस वैली, अजंता पब्लिक स्कूल, शिव नाडर, श्री राम, ब्लू बेल्स, सीसीए जैसे स्कूल भी शामिल हैं. बच्चों को सावधान करने के लिए पुलिस ने कैंपन में साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन को भी जोड़ा है. बच्चों को साइबर क्राइम और इसमें मुमकिन सजा के बारे में बताया रहा है. साथ ही परिजनों को भी जागरूक किया जा रहा है.
स्कूल के प्रिसिंपल ने माना कि बच्चों को सोशल साइट्स से दूर रहने के सख्ती से आदेश दिए गए हैं. परिजनों को भी कहा गया है कि बच्चों का ऐसा अकाउंट मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. परिजनों की संस्था गुड़गांव अभिभावक संघ के अध्यक्ष वशिष्ठ गोयल ने कहा कि परिजनों को भी साथ लेकर एक कमेटी बनाई जानी चाहिए जिससे वे भी जागरूक हो सकें.
इस मामले पर पुलिस कमिश्नर आलोक मित्तल ने कहा, 'सोशल साइट्स जरूरी हैं, लेकिन बच्चे कई बार इनसे गलत काम कर बैठते हैं. उन्हें समझाना जरूरी है, इसीलिए यह अभियान शुरू किया गया है.'