डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख और रेप का दोषी गुरमीत राम रहीम इन दिनों पैरोल पर जेल से बाहर है. इस पर सियासी गलियारों में विरोध रहा है. इसी बीच राम रहीम के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले पत्रकार अंशुल छत्रपति ने भी आपत्ति जताई है.
अंशुल छत्रपति ने हरियाणा सरकार को खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा कि राम रहीम के जेल से बाहर आने से गवाहों को जान का खतरा है. जल्द ही वह इस मामले में कोर्ट का रुख करेंगे.
अंशुल छत्रपति ने कहा कि डेरा प्रमुख राम रहीम और डेरा अनुयायियों का चरित्र लोगों को धमकियां देने वाला रहा है. राम रहीम को पैरोल देकर हरियाणा सरकार राम रहीम की मदद कर रही है. सत्ता पक्ष की मदद से ही अब दोबारा से डेरा प्रेमियों के हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के इरादे भी बुलंद हो रहे हैं. डेरा प्रेमी एक बार फिर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं.
गौरतलब है कि राम रहीम यौन शोषण, पूर्व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा सच्चा सौदा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्या मामले में पिछले 5 सालों से जेल में है. अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है. दिवाली से पहले 15 अक्टूबर को राम रहीम को 40 दिनों की पैरोल दी गई थी.
पैरोल मिलने के बाद राम रहीम यूपी के बागपत आश्रम में रह रहा है. बताया जाता है कि राम रहीम के परिवार के लोग और हनीप्रीत भी उसके साथ ही है. इन दिनों वह ऑनलाइन सत्संग कर रहा है.
राम रहीम की पैरोल को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी को लीगल नोटिस भेजा है. उन्होंने राम रहीम की पैरोल तत्काल रद्द करने की मांग की है. इसके अलावा राम रहीम के दिवाली पर रिलीज गाने 'नित दी दिवाली' पर रोक लगाने की मांग भी की है. एडवोकेट ने कहा कि पैरोल पर बाहर आए डेरा प्रमुख को लोकप्रियता हासिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.