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गुरुग्राम: 2017 स्कूल मर्डर के आरोपी पर बालिग की तरह नहीं चलेगा केस, 7 साल के छात्र की हुई थी हत्या

गुरुग्राम के प्राइवेट स्कूल में साल 2017 में हुए मर्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी छात्र को नाबालिग माना है और उसपर बालिग के रूप में मुकदमा चलाने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

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2017 में हुए मर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
2017 में हुए मर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

गुरुग्राम के प्राइवेट स्कूल में साल 2017 में हुए मर्डर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी छात्र को नाबालिग माना है और उसपर बालिग के रूप में मुकदमा चलाने से इनकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.

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गुरुग्राम के एक प्राइवेट स्कूल में साल 2017 में सात साल के छात्र की हत्या हुई थी. इसमें उसी स्कूल के सीनियर छात्र का नाम आया था. तब स्कूल के टॉयलेट में 7 साल के मासूम की हत्या हुई थी. वहीं उसका शव मिला था.

अब याचिका दायर हुई थी कि आरोपी छात्र को बालिग मानकर उसपर मुकदमा चलाया जाए. दलील दी गई थी कि 16 साल के छात्र ने जिस तरह का क्राइम किया और जिस तरह उसको छिपाने की कोशिश की, उसके लिए उसपर बालिग की तरह केस चलना चाहिए. लेकिन कोर्ट ने इसे नहीं माना.

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को सही ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी छात्र को नाबालिग माना है और नाबालिग के तौर पर ही मुकदमा चलेगा. कोर्ट ने केंद्र और NCPCR को इसके लिए गाइडलाइन बनाने को भी कहा.

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