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Phone Pe के जरिए खाली कर देता था लोगों के खाते... अब साइबर क्राइम यूनिट की गिरफ्त में चारों ठग

गुरुग्राम में साइबर क्राइम यूनिट ने चार ठगों को गिरफ्तार किया है. चारों लोगों से फोन-पे के जरिए संपर्क कर लोगों के खाते खाली कर देता था. आरोपी फोन-पे पर रजिस्टर्ड नंबर पर कॉल कर उन्हें खुद का पहचान वाला बताकर इमरजेंसी में कुछ पैसे ट्रांसफर करवाता था. फिर उस नंबर से जुड़े अकाउंट को खाली कर देता था.

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महिला खिलाड़ियों की शिकायत पर दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया गया
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हेलो मैं आपका दोस्त बोल रहा हूं. आपके रिश्तेदार की तबीयत खराब हो गई है. उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल करवाया है. कुछ पैसे कम पड़ रहे हैं. बताए गए नम्बर पर ट्रांसफर कर दो. इसके बाद जैसे ही कोई पैसे ट्रांसफर करता है, तो उसका बैंक एकाउंट खाली हो जाता है. गुरुग्राम की साइबर क्राइम यूनिट ने ऐसे चार ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है. 

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एसीपी प्रियांशु दिवान ने कहा कि आरोपी पहले फोन-पे पर नंबर चेक करते हैं कि वह नंबर फोन-पे पर है या नहीं. उसके बाद जो मोबाइल नंबर फोन-पे पर रजिस्टर्ड होता है. उस नंबर पर कॉल करके उस व्यक्ति को उसका जानकर बताकर पहचान के लिए बोलते हैं. जब वह व्यक्ति किसी का नाम लेता है तो वही बनकर उससे अपने किसी रिश्तेदार को अस्पताल में भर्ती होने की बात कहकर ठगी करते थे. 

फोन पे पर पैसा ट्रांसफर करने के बाद करता था स्कैम
एसीपी ने बताया कि जब कोई व्यक्ति इनको पहचाने से मना कर देता था. उसके पास उसके बैंक खाता में रुपया भेजने का झूठा मैसेज भेज कर, उनसे कहते कि आपके पास गलती से रुपए ट्रांसफर हो गया. इसलिए वह रुपया वापस मंगवाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. ये लोगों पहचान बना कर 100 से अधिक ठगी की घटना को अंजाम देकर लोगों को लाखों रुपये का चूना लगा चुके हैं.  

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प्रतिबिंब पोर्टल के जरिए पकड़ में आए ठग
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान ने बताया कि तो प्रतिबिंब पोर्टल की मॉनिटरिंग व पुलिस तकनीकी से मकान नम्बर E-145, सेक्टर 56, गुरुग्राम में फर्जी तरीके से फोन कॉल पर लोगों को उनका जानकर बताकर तथा इमरजेंसी के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए ठगी करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.  गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विकेश सिंह, रामभरोसी,जगमोहन व शुभम के रूप में की गई. 

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ठगी की राशि दूसरे साथी के अकाउंट में कर देते थे ट्रांसफर
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी मालूम हुआ कि ठगी गई राशि को इनके अन्य साथी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर देते थे. इनका साथी 30% कमीशन रखकर बाकी रुपये इन्हें नकद दे देता था. आरोपी पहले अपने गांव में ही रहकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे. इसके बाद गुरुग्राम में 5-6 दिनों से ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे थे. ठगी में प्रयोग किए जाने वाले मोबाइल फोन भी इनके कब्जे से पुलिस ने बरामद किए है.

अपराधियों की रीयल टाइम लोकेशन बताता है प्रतिबिंब एप
एसीपी ने बताया कि बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने प्रतिबिंब पोर्टल तैयार किया गया है. इसकी मदद से किसी इलाके में सक्रिय साइबर अपराधियों की रीयल टाइम जानकारी उस क्षेत्र की पुलिस को मिल जाती है. इससे त्वरित कार्रवाई करने का मौका स्थानीय पुलिस के पास उपलब्ध रहता है. गुरुग्राम पुलिस ने इसी प्रतिबिंब पोर्टल का इस्तेमाल कर अपराधियों को गिरफ्तार किया.

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