हालांकि ये पहला मामला नहीं है जब तेंदुए की इस तरह से मौत हुई हो. इससे पहले भी इसके आस-पास के इलाके में सड़क दुर्घटना में कई तेंदुओं की मौत हो चुकी है.
दरअसल, एनएसजी की आस-पास के अरावली क्षेत्र में कई बार तेंदुए देखे जाते हैं. वहीं बीते 3 से 4 साल में 8 से 10 तेंदुए की कई कारणों के चलते मौत हो चुकी है.
तेंदुए बन रहे शिकार
बता दें कि विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके तेंदुओं की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है. सरिस्का अभ्यारण्य से भटक कर अरावली के इन हिस्सों को अक्सर तेंदुए अपना आशियाना बनाते रहे हैं.
इससे पहले जून में गुरुग्राम में करंट लगने से एक तेंदुए एक मौत गई थी. सोहना के मंडावरा गांव में तेंदुआ पेड़ पर चढ़ा था तभी वह बिजली की नंगे तार से चिपक गया और उसकी मौत हो गई.
मामले की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे लेकिन तेंदुए को बचाया नहीं जा सका.
करंट लगने से मारे गए तेंदुए एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें वो एक पेड़ पर चढ़ा हुआ और बिजली के नंगे तारों के बीच फंसा हुआ दिख रहा है . बिजली का हाईवोल्टेज करंट लगने से तेंदुए को बचने तक मौका भी नहीं मिला और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया.