हरियाणा में बीजेपी विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी में जुटी है तो कांग्रेस अपनी गुटबाजी में उलझी हुई नजर आ रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर ने एक दांव चला जो उन्हें वापस लेना पड़ सकता है. कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व की बिना मंजूरी के हरियाणा में पार्टी चुनाव योजना एवं प्रबंधन कमेटी बनाना उनको उलटा पड़ सकता है. तंवर की इन कोशिशों पर हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है.
दरअसल, अशोक तंवर ने शुक्रवार को आलाकमान द्वारा बनाई गई समन्वय की तर्ज पर चुनाव योजना एवं प्रबंधन समिति भी गठित करने का ऐलान किया था. उन्होंने सुदेश अग्रवाल को इस कमेटी का संयोजक बनाया था. तंवर ने कहा था कि इस कमेटी की आगे उप समितियां बनेंगी, जो मीडिया मैनेजमेंट, संगठन और चुनाव घोषणा पत्र बनाने का काम करेंगी. इस कमेटी की आज दिल्ली में बैठक होने वाली थी.
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने रविवार को अशोक तंवर को बड़ा झटका दिया. आजाद ने तंवर के इस कदम से साफ तौर पर असहमति जताई और कड़ी नाराजगी जाहिर की. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि चुनाव योजना एवं प्रबंधन कमेटी के गठन की कोई अनुमति नहीं दी गई है. इस तरह की कमेटी बनाना प्रदेश कांग्रेस का काम नहीं है, यह काम ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी करती है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें कांग्रेस हार गई है. इसके बाद भी पार्टी में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर के बीच राजनीतिक वर्चस्व की जंग कम नहीं हो रही है. इस गुटबाजी को खत्म करने के लिए पिछले महीने राहुल गांधी ने हरियाणा के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की थी.
लोकसभा चुनाव में खुद हार चुके प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के तेवर नरम नहीं पड़े हैं. तंवर ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति करवाने में लगे नेताओं की परवाह किए बिना विधानसभा चुनाव तैयारी का बिगुल फूंक दिया है, जिससे हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज भी आश्चर्यचकित हैं.