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नमाज की जगह से जुड़े CM खट्टर के बयान का नकवी ने किया बचाव

नकवी का कहना है कि नमाज खुदा की इबादत है और वह अमन-चैन के लिए की जाती है. नमाज किसी भी अनाधिकृत जगह पर वैसे भी जायज नहीं है. नमाज और नमाज को लेकर किसी तरह का विवाद ठीक नहीं है. लोगों को यह बात समझनी चाहिए.

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केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (फाइल फोटो)
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (फाइल फोटो)

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर नमाज नहीं पढ़ने की सलाह पर विवाद बढ़ता जा रहा है, उनके बयान की विपक्ष लगातार आलोचना करने पर जुटा है तो केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बचाव किया और कहा कि नमाज को लेकर विवाद खड़ा करना ठीक नहीं.

नकवी का कहना है कि नमाज खुदा की इबादत है और वह अमन-चैन के लिए की जाती है. नमाज किसी भी अनाधिकृत जगह पर वैसे भी जायज नहीं है. नमाज और नमाज को लेकर किसी तरह का विवाद ठीक नहीं है. लोगों को यह बात समझनी चाहिए.

बीजेपी राज में आपत्ति

एनसीपी नेता तारिक अनवर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि सभी लोग मिल-जुलकर त्योहार मनाते रहे हैं. कभी किसी ने आपत्ति नहीं की. यह बीजेपी की सरकार में हो रहा है. जिस तरह से आपत्ति जताई जा रही है वह ठीक नहीं है.

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गुड़गांव में सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ने को लेकर कुछ संगठनों ने सवाल खड़ा किया था. इस मामले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि नमाज पढ़ने का अपना एक स्थान है. वह वहीं पढ़ी जानी चाहिए. मस्जिदों में पढ़ी जानी चाहिए. सार्वजनिक स्थलों पर नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए. उनके इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया.

कई राजनीतिक दलों ने खट्टर के इस बयान पर सवाल खड़ा किया था. उसके बाद मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी को रोकने की बात नहीं कही है. अगर किसी को किसी प्रकार की कोई आपत्ति है तो प्रशासन और पुलिस को अवगत करा सकता है. किसी भी स्थान और स्थिति में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रशासन व पुलिस की है. शांति व्यवस्था बनाए रखना सरकार का कर्तव्य है.    

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए बयान पर नकवी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की हार निश्चित है. इसलिए बेसुरे सुनाई दे रहे हैं. अगर किसी पार्टी का बाजा बजाता है तो बेसुरे स्वर सुनाई देते हैं. कांग्रेस का बाजा बज चुका है. उनके नेताओं के बेसुरे स्वर सुनाई दे रहे है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है.

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