गुड़गांव से दिल्ली आ रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद जाम में फंस गए. दिल्ली- एनसीआर में लगातार हो रही बारिश के बाद गुड़गांव से दिल्ली आने के दोनों रास्तों हाईवे और एमजी रोड यानी महरौली-गुड़गांव रोड पर किलोमीटरों लंबा जाम लगा हुआ था.
सीएम खट्टर ने किया इलाके का हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री खट्टर ने रविवार दोपहर ही प्रभावित इलाकों का हेलीकॉप्टर से सर्वेक्षण किया था. अफसरों की क्लास ली. मीडिया को भरोसा दिलाया कि वो बारिश और जाम तो संयोग मात्र था. अब ऐसा नही होगा. क्योंकि हरियाणा सरकार कई अहम कदम उठा रही है. अब उन्हें थोड़े ही पता था कि कुछ घंटों में ही हालत ऐसी हो जाएगी कि कदम ही आगे ना बढ़ाया जाएगा.
इनवेस्टर समिट के लिए हालात में सुधार की जरूरत
गुड़गांव में बारिश से जाम के हालात दोबारा हुए तो अगले साल मार्च में होने वाले इनवेस्टर समिट पर खराब असर पड़ेगा. गुड़गांव की बाढ़ और ऐतिहासिक जाम के बारे में पूछने पर सीएम खट्टर ने कहा कि ऐसा रोज-रोज तो होता नहीं. बारिश हुई, पानी बढ़ा, सड़कों पर आया और जाम लग गया. हमारी कोशिश है कि ऐसा दोबारा ना हो .
सरकार के लिए गुड़गांव महज संयोग
उन्होंने कहा कि कुछ तो फ्लाई ओवर बनाने और सड़कों को चौड़ा करने की प्रक्रिया के दौरान जाम लगा और कुछ सीवर सिस्टम को फिर से सुचारू तौर पर बनाने की प्रक्रिया की वजह से. अब हमारा जोर सिस्टम को दुरुस्त करने पर है. लिहाजा उम्मीद है कि अगले साल मानसून से ऐसी दिक्कत नहीं आएगी. ये जो कुछ हुआ दुखद है और एक संयोग मात्र है.
प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा था गुड़गांव जाम
हरियाणा में करोड़ों इनवेस्ट कर कल-कारखाने चलाने वाले इससे संतुष्ट नहीं हैं. उद्योगपतियों के साथ मुख्यमंत्री की मीटिंग खत्म हुई तो होंडा के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट हर भजन सिंह ने 'आज तक' से बात की. उन्होंने दो टूक कहा कि गुड़गांव में बारिश के बाद जो कुछ हुआ वो इंफ्रास्ट्रक्चर का कम और प्रशासनिक लापरवाही का मामला ज्यादा था.
हाईवे जाम होने से कारोबार पर बुरा असर
सिंह ने कहा कि आए दिन जाम, हड़ताल का असर विदेशी निवेशकों के जेहन पर पड़ सकता है. सरकार को इस ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. थोड़ा भी कोई एक्सीडेंट हो या कोई और घटना फौरन स्थानीय लोग जाम लगा देते हैं. हाईवे पर अवरोध खड़े कर देते हैं. ये गलत है. इससे कारोबार पर तो असर पड़ता ही है.
हर जगह इंसेंटिव का समान दर्जा चाहते हैं निवेशक
हालांकि, उद्योगपतियों और देसी-विदेशी निवेशकों को मुख्यममंत्री खट्टर ने राज्य में अलग-अलग जगह इंडस्ट्रियल जोन बनाकर इंसेंटिव देने की बात कही. वहीं निवेशकों का कहना था कि अलग-अलग जगहों पर इंसेंटिव का दर्जा अलग-अलग नहीं बल्कि एक ही होना चाहिए.
निवेशकों के सवाल निपटाएगी हरियाणा सरकार
सरकार कहती है कि आप इंसेंटिव लो और गुड़गांव, रोहतक, फरीदाबाद से अलग अन्य जिलों में उद्योग लगाओ. पहले आप उद्योग शुरू कर दो फिर हम सड़क बिजली सहित अन्य सुविधाएं तैयार करा देंगे. उद्योगपतियों का कहना है कि पहले आप इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करो फिर हमें बुलाओ. मामला यहीं अटका था. अब फिर मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक कर इस फांस का भी हल निकालेंगे.