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हरियाणा से लोकसभा चुनाव क्‍यों नहीं लड़ना चाहते कांग्रेस नेता?

लोकसभा चुनाव से पहले हुए सर्वे के नतीजे सामने आने के बाद हरियाणा में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की सोच रहे उम्‍मीदवार हताश से दिख रहे हैं. नए उम्मीदवार तो परेशान हैं ही, कई दिग्गज भी चुनावी अखाड़े में उतरने से बचते नजर आ रहे हैं.

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कुमारी शैलजा
कुमारी शैलजा

लोकसभा चुनाव से पहले हुए सर्वे के नतीजे सामने आने के बाद हरियाणा में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की सोच रहे उम्‍मीदवार हताश से दिख रहे हैं. नए उम्मीदवार तो परेशान हैं ही, कई दिग्गज भी चुनावी अखाड़े में उतरने से बचते नजर आ रहे हैं. इसमें मौजूदा सांसदों से लेकर पुराने उम्‍मीदवार तक शामिल हैं.

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देश में सबसे अधिक सालों से राज करती आ रही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्‍छुक उम्‍मीदवारों की लंबी कतारें लगती थीं. टिकट हासिल करने के लिए नेता लॉबिइंग करते तो कहीं सिफारिश कराते. लेकिन, आज हालात उलट हैं. हरियाणा जैसे राज्‍य के कई कांग्रेस नेता चुनाव लड़ने से बचते नजर आ रहे हैं. वो भी तब जब सूबे में कांग्रेस की ही सरकार है.

सोनीपत से कांग्रेस सांसद जितेंद्र मलिक ने ऐलान कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने राज्य सभा का रास्ता पकड़ लिया है. हिसार से सांसद रहे और इस बार भी टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे जय प्रकाश ने भी चुनाव लड़ने से तौबा कर ली है. गुड़गांव से सांसद रहे राव इंद्रजीत तो कई महीने पहले ही कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस का उम्मीदवार बनता तो कभी चुनाव नहीं जीतता.

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सवाल उठता है कि आखिर दिग्गज नेताओं का कांग्रेस से मोह भंग क्‍यों हो रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूलचंद मुलाना इस सवाल का जवाब कुछ इस तरह देते हैं, 'ऐसी कोई बात नहीं है कि नेता कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. अगर कोई चुनाव नहीं लड़ना चाहता है तो ये उसकी मर्जी है. अगर पुराने उम्‍मीदवार नहीं चुनाव लड़ते हैं तो कोई बात नहीं, नए उम्मीदवार आ जाएंगे.'

कल तक केंद्रीय मंत्री रहीं कुमारी शैलजा अब राज्य सभा में बैठेंगी. इस बारे में शैलजा का कहना है, 'पार्टी आलाकमान का आदेश था. अब अंबाला का ही नहीं, बल्कि पूरे सूबे की बात उठाऊंगी.'

जितेंद्र मलिक कहते हैं, 'लोकसभा का चुनाव नहीं लडूंगा. क्‍योंकि मुझे विधान सभा का चुनाव लड़ना है.' पूर्व सांसद जय प्रकाश का कहना है, 'चुनाव नहीं लडूंगा. वजह फिलहाल पता नहीं.'

सुनने में ऐसा भी आया है कि कांग्रेस के युवा फायर ब्रांड नेता अशोक तंवर भी अपनी लोक सभा सीट बदलना चाहते हैं. अब वो सिरसा के बजाय अंबाला लोक सभा सीट पर किस्मत आजमाना चाहते हैं.'

कांग्रेस उम्‍मीदवारों की सुस्‍ती ने विपक्ष को चुस्ती जरूर दे दी है. आईएनएलडी के नेता तो कहने लगे हैं कि कांग्रेस का भविष्य अब खतरे मैं है, लिहाजा डूबने से पहले जहाज से चूहे कूदने लगे हैं. पार्टी के नेता अभय चौटाला का कहना है, 'लोक सभा चुनावों में कांग्रेस हारने वाली है और यही वजह है कि उम्मीदवार अब भागने लगे हैं.

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बीजेपी विधायक दल के नेता अनिल विज ने कहा, 'नरेंद्र मोदी का तूफान और कांग्रेस की हार, इसे देखते हुए कांग्रेस उम्मीदवार बौखला गए हैं. या तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए हैं, या दूसरी पार्टियों में पलायन कर रहे हैं. या फिर चुनाव न लड़कर अपनी इज्जत बचाने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं.'

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