हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए दुष्यंत चौटाला की जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 7 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. जेजेपी ने एक पूर्व मंत्री और दो पूर्व विधायकों को टिकट दिया है. हथीन से पूर्व मंत्री हर्ष कुमार, नारनौंद से पूर्व विधायक रामकुमार गौतम, उकलाना से पूर्व विधायक अनूप धानक, पानीपत ग्रामीण से देवेंद्र कादियान, महेंद्रगढ़ से राव रमेश पालड़ी और नारनौल से कमलेश सैणी को टिकट दिया गया है.
Jannayak Janata Party announces candidates on Panipat Rural, Ukalana, Narnaund, Mahendergarh, Narnaul, Bawal, Hathin assembly constituencies for the upcoming Haryana assembly elections, 2019. pic.twitter.com/t6pAiC1dIR
— ANI (@ANI) September 13, 2019
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बसपा के भी जन नायक जनता पार्टी के साथ मैदान में उतरने की उम्मीद थी, लेकिन मायावती ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी.
हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अकेले ही मैदान में उतरने का फैसला किया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा, "बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, जिसके हिसाब से हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में दुष्यन्त चौटाला की पार्टी से जो समझौता किया था, वह सीटों की संख्या व उसके आपसी बंटवारे के मामले में उनके अनुचित रवैये के कारण बीएसपी हरियाणा यूनिट के सुझाव पर समाप्त कर दिया गया है."
मायावती का कहना था कि ऐसी स्थिति में पार्टी हाईकमान ने यह फैसला किया है कि हरियाणा प्रदेश में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में अब बसपा अपनी पूरी तैयारी के साथ अकेले ही यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच बताया जा रहा है. क्षेत्रीय पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) पहले ही दो फाड़ हो चुकी है. इसी से अलग होकर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के पौते दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) का गठन किया है. जजपा के साथ मायावती ने गठबंधन किया था, लेकिन अब उन्होंने इसे तोड़ने की घोषणा की है.
पिछले महीने नई दिल्ली में बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने संयुक्त रूप से इस गठबंधन का एलान किया था. तब सभी सीटें भी तय हो गई थीं. इसके अनुसार 50 सीटों पर बसपा और 40 सीटों पर जजपा ने चुनाव लड़ने का फैसला किया था.