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10 साल पहले गोपाल कांडा ने हुड्डा के लिए जुटाए थे निर्दलीय, तब भी थे 31-40 वाले नतीजे

ऐसा पहली बार नहीं है जब गोपाल कांडा ने राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई हो, ठीक दस साल पहले जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा बहुमत से दूर रह गए थे तब भी गोपाल कांडा संकटमोचक बनकर सामने आए थे.

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हरियाणा में फिर किंग मेकर बने गोपाल कांडा!
हरियाणा में फिर किंग मेकर बने गोपाल कांडा!

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  • हरियाणा में बीजेपी को मिला निर्दलीयों का समर्थन
  • गोपाल कांडा ने बीजेपी को समर्थन का ऐलान किया
  • कई निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को दिया समर्थन
  • 2009 में भी सरकार बनाने में अहम थे गोपाल कांडा

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने राजनीतिक उठापटक तेज कर दी है. भारतीय जनता पार्टी की गाड़ी बहुमत से 6 सीट दूर ही अटक गई, ऐसे में हरियाणा लोकहित पार्टी के सिरसा विधायक और राज्य में पूर्व मंत्री रहे गोपाल कांडा ने अहम भूमिका निभाई और हरियाणा में एक बार फिर भाजपा सरकार बनने जा रही है. ऐसा पहली बार नहीं है जब गोपाल कांडा ने राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई हो, ठीक दस साल पहले जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा बहुमत से दूर रह गए थे तब भी गोपाल कांडा संकटमोचक बनकर सामने आए थे.

हरियाणा में इस बार दोहराया 2009 का इतिहास

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हरियाणा में इस बार भाजपा 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, वहीं दूसरे नंबर पर 31 सीटों के साथ कांग्रेस रही है. ठीक 10 साल पहले 2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस भी 40 के आंकड़ों पर अटक गई थी और ओम प्रकाश चौटाला की INLD 31 सीटों पर अटक गई थी. इस बार की तरह तब भी सबसे बड़ी पार्टी को बहुमत जुटाने के लिए कुछ समर्थन की जरूरत थी.

2009 विधानसभा चुनाव के नतीजे:

कांग्रेस: 40

INLD: 31

हरियाणा जनहित कांग्रेस: 6

निर्दलीय: 7

भाजपा: 4

बसपा: 1

अकाली दल

2009_result_102519125555.jpg2009 विधानसभा के नतीजे

गोपाल कांडा ने जुटाए थे निर्दलीय विधायक!

गोपाल कांडा तब भी विधायक चुनकर आए थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए निर्दलीयों का समर्थन जुटाने में अहम भूमिका निभाई थी. गोपाल कांडा की अगुवाई में कुल 7 विधायक तब कांग्रेस के समर्थन में आ गए थे, वहीं हरियाणा जनहित कांग्रेस के 6 विधायकों ने भी हुड्डा को समर्थन का ऐलान किया था.

इसी के बाद गोपाल कांडा को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. गोपाल कांडा को तब राज्य में गृह राज्य मंत्री बनाया गया था. लेकिन 2012 में जब गीतिका शर्मा केस सामने आया था, तब गोपाल कांडा को इस्तीफा देना पड़ गया था.

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फिर एक बार दोहराया इतिहास

अब दस साल के बाद गोपाल कांडा एक बार फिर राज्य की सियासत में अहम किरदार में हैं. हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट से हरियाणा लोकहित पार्टी से चुनाव जीते गोपाल कांडा गुरुवार रात को ही भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने पहुंच गए. गोपाल कांडा के भाई ने ऐलान किया कि हम अपने साथ 5-6 विधायक लाए हैं. और बाद में कुछ ऐसा ही हुआ. गोपाल कांडा के समर्थन के ऐलान के बाद 6 अन्य निर्दलीय विधायक भी बीजेपी के साथ आ गए हैं. यानी भाजपा के पास अब 40+7= 47 विधायकों का समर्थन हो गया है.

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result_102519125505.jpgहरियाणा के अंतिम नतीजे

क्या मंत्री बनेंगे गोपाल कांडा?

आंकड़ों में तो इतिहास दोहराया गया है लेकिन अब नज़र इस बात पर भी है कि क्या गोपाल कांडा को हरियाणा के मंत्रिमंडल में जगह मिलती है. जिस प्रकार 2009 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गोपाल कांडा को गृह राज्य मंत्री बनाया था, अब मनोहर खट्टर क्या करते हैं इसपर नज़र रहेगी. हालांकि, अभी मनोहर खट्टर ने ऐसा कुछ बयान नहीं दिया है, मीडिया ने जब उनसे गोपाल कांडा पर सवाल पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

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