कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. इस आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. हरियाणा के रोहतक में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भाजपा नेताओं को बंधक बना लिया था. जिन नेताओं को बंधक बनाया गया, उनमें पूर्व सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर भी शामिल थे. लेकिन अब सभी को छोड़ दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे पर हैं. प्रदेश के हर जिले में शिव मंदिरों पर पीएम मोदी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण रखा गया था. रोहतक के किलोई गांव के शिव मंदिर में भी कार्यक्रम रखा गया था. मनीष ग्रोवर समेत तमाम भाजपा नेता इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे. तभी यहां कृषि कानूनों का विरोध कर किसानों ने नेताओं को बंधक बना लिया. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया.
किसानों ने वाहनों की निकाली हवा
किसानों ने भाजपा नेताओं की गाड़ियों की हवा निकाल दी. इसके अलावा मंदिर प्रांगण में लगी टीवी स्क्रीन के तार काट दिए. किसानों ने नेताओं को बंधक बनाने के लिए मुख्य द्वारों के बाहर पत्थर और झाड़ियां रख दीं. पुलिस लगातार किसानों को समझाने की कोशिश में जुटी रही. अब जाकर स्थिति शांत हुई है और बीजेपी नेताओं को भी छोड़ दिया गया.
कार्यक्रम में पहुंचे थे ये नेता
इस कार्यक्रम में ग्रोवर के अलावा संगठन मंत्री रविंद्र राजू, मेयर मनमोहन गोयल, जिला अध्यक्ष अजय बंसल, सतीश नांदल, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामअवतार बाल्मीकि, सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, भाजपा के कई पार्षद, महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष उषा शर्मा, भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष नवीन ढुल समेत रोहतक भाजपा के कई नेता पहुंचे थे.
कृषि कानूनों के विरोध में हो रहा आंदोलन
भारत सरकार ने पिछले साल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कृषि कानून पास किए थे. लेकिन इनका तभी से लगातार विरोध हो रहा है. किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. कृषि कानूनों को लेकर भारत सरकार और किसान संगठनों के बीच कई स्तर की वार्ता भी हो चुकी है. हालांकि, ये बेनतीजा रही.
हरियाणा-पंजाब में ज्यादा असर
किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में दिख रहा है. हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को भी कई बार इसका सामना करना पड़ा है. पिछले दिनों करनाल में किसान खट्टर के कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे थे. पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी थी. वहीं, किसान झज्जर में दुष्यंत चौटाला का विरोध करने पहुंचे थे.