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हरियाणा : किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू, अधिकारियों से मांगा गया जवाब

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विधान सभा में बताया था कि किसानों पर 276 केस दर्ज हैं. इनमें से 4 मर्डर और रेप के केस हैं. 272 में 178 केस में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. सीएम ने बताया था कि 57 केस अनट्रेस हैं. 8 केस को कैंसल करन की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. 29 केस कैंसल करने की प्रोसेस चल रही है.

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हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की. (फाइल फोटो)
हरियाणा सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केंद्र ने किसानों ने केस वापसी का किया वादा
  • हरियाणा सरकार ने केस वापसी की प्रक्रिया की शुरू

खट्टर सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार ने जिला प्रशासन और पुलिस से उनके जिलों में दर्ज एफआईआर रद्द करने को लेकर उनके कमेंट्स मांगे गए हैं. 

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इससे पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विधान सभा में बताया था कि किसानों पर 276 केस दर्ज हैं. इनमें से 4 मर्डर और रेप के केस हैं.  272 में 178 केस में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. सीएम ने बताया था कि 57 केस अनट्रेस हैं. 8 केस को कैंसल करन की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. 29 केस कैंसल करने की प्रोसेस चल रही है. 

कितने किसानों की हुई मौत 
सीएम खट्टर ने कहा था कि 700 किसानों की मौत का जिक्र किया जा रहा है. इसमें किसान संगठनो से मिले आंकड़ों में से हरियाणा के 57 किसान हैं. जबकि सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर 46 हैं. लेकिन इसमें जब सही आंकड़ा आएगा तभी मुआवजे का फैसला लिया जाएगा.

दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने 1 साल तक आंदोलन किया. इस दौरान उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश और पंजाब में किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए थे. हाल ही में जब किसान संगठनों से केंद्र सरकार ने बात की थी, तो भरोसा दिलाया था कि राज्य सरकारों से बात कर किसानों पर दर्ज केस वापस लेने के लिए कहा जाएगा.

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