हरियाणा सरकार पिछले कुछ दिनों से कई मुद्दों के कारण चर्चा में रही है. अब प्रदेश की खट्टर सरकार ने भावी कर्मचारियों के लिए एक फरमान जारी किया है. हरियाणा सरकार की सेवाओं में शामिल होने वाले लोगों को अपने ससुराल वालों से प्राप्त वस्तुओं, संपत्तियों और धनराशि की घोषणा करके दहेज विरोधी कानूनों का पालन करना होगा.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘एक व्यक्ति जिसे सरकारी नौकरी मिलती है तो उसे लिखित में यह देना होगा कि जब उसकी शादी होगी तो वह दहेज विरोधी कानूनों का पालन करेगा.’’
इसमें कहा गया है कि इसके अलावा उन्हें ससुराल से किसी के भी नाम या किसी भी तरह से प्राप्त धनराशि और सभी वस्तुओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी होगी.
बिहार में दहेज के खिलाफ मानव श्रृंखला
सिर्फ हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी दहेज प्रथा के खिलाफ लोग एकजुट हो रहे हैं. बिहार में रविवार को दहेज प्रथा के विरोध में मानव श्रृंखला बनाई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में रविवार को करीब 13 हज़ार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनी. इसमें लगभग 4 करोड़ लोगों ने भाग लिया. इससे पहले भी शराब बंदी के खिलाफ बिहार में मानव श्रृंखला बन चुकी है.
नीतीश ने की अगुवाई
इस अवसर पर बिहार सीएम नीतीश ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से लोगों के अंदर उत्साह का भाव संचारित हुआ है और पूरे बिहार में सभी लोगों के मन में यह बात गई है कि बाल विवाह गैरकानूनी है. साथ ही 18 साल से कम उम्र के लड़की की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी नहीं होनी चाहिए.
नीतीश कुमार ने कहा कि अब वह धीरे-धीरे आम लोगों के बीच धारणा बनी है कि यह सामाजिक कुरीति है इसीलिए हमने बापू के जन्मदिन 2 अक्टूबर 2017 से बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ जागृति पैदा करने के लिए लगातार अभियान चलाया है और ये जारी रहेगा.