हुड्डा सरकार हरियाणा के खेलों में नंबर वन होने का दावा करती है. लेकिन ये खबर राज्य सरकार के इस दावे की पोल खोल देगी. हरियाणा में गुड़गांव के गुरु द्रोणाचार्य कॉलेज में पढ़ने वाला छात्र नरेंद्र सिंह भागीरथ टू, कालिंदी पास, केदार ताल समेत कई पहाड़ों की चढ़ाई कर चुका है.
अब नरेंद्र एवरेस्ट को फतह करना चाहता है. 2 अप्रैल से 10 जून तक नेपाल के काठमांडू में एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए वह सेलेक्ट भी हो चुका है. लेकिन उसे 25 लाख रुपये की जरूरत है. आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उसने हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दो सांसदों दीपेंद्र हुड्डा व नवीन जिंदल से आर्थिक मदद दिलवाने की गुहार लगाई. नरेंद्र को आश्वासन तो मिले लेकिन सरकार की मदद एवरेस्ट कि ऊंचाई से भी कहीं ज्यादा दूर रह गई.
19 साल के इस पर्वतारोही की निराशा को दूर करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) आगे आई है. परिषद ने बैठक कर फैसला लिया कि यदि 3 दिन में सरकार इस तरफ ध्यान नहीं देती तो वे पूरे हरियाणा से चंदा इकट्ठा करके नरेंद्र सिंह को काठमांडू भिजवाएंगे.
खेलों को बढ़ावा देने की बात करने वाली हरियाणा सरकार के इस रवैये से नरेंद्र सिंह हताश है. ऐसे में एबीवीपी के आश्वासन से नरेंद्र के एवरेस्ट को फतह करने के सपने को पंख मिलते नजर आ रहे है, लेकिन हरियाणा सरकार का ये रैवैया राज्य में खिलाडियों कि बदहाल मजबूरी को जग जाहिर कर रहा है.