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हरियाणा का 'मनोहर' आइडिया, विदेशियों को मिलेगा बीफ खाने का लाइसेंस

सीएम खट्टर का कहना है कि राज्य में बीफ बैन को लेकर लागू कड़े कानून में वह विदेशी लोगों के लिए विशेष तौर पर कुछ ढील दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में बीफ पर बैन सिर्फ हरियाणवी परंपरा को बनाए रखने के लिए है.

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मनोहर लाल खट्टर
मनोहर लाल खट्टर

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बीते साल गोमांस पर घमासान के बाद हरियाणा सरकार ने राज्य में गोमांस की बिक्री पर बैन लगाई, वहीं अब राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि वह सूबे में रह रहे विदेशी लोगों को बीफ खाने की अनुमति देने पर विचार कर सकते हैं.

खबरों के मुताबिक, सीएम खट्टर का कहना है कि राज्य में बीफ बैन को लेकर लागू कड़े कानून में वह विदेशी लोगों के लिए विशेष तौर पर कुछ ढील दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में बीफ पर बैन सिर्फ हरियाणवी परंपरा को बनाए रखने के लिए है.

अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक सीएम ने कहा, 'यदि हम उनके लिए कुछ विशेष सुविधा देने की क्षमता रखते हैं, तो हम उसकी व्यवस्था करेंगे. यह एक तरह का विशेष लाइसेंस होगा. कानून को कोई चुनौती नहीं दे सकता.' बीफ बैन को हरियाणवी परंपरा के तहत बताते हुए उन्होंने कहा, 'हर किसी की खाने और पीने की अपनी लाइफस्टाइल होती है. जो लोग बाहर से आए हैं, हम उनका विरोध नहीं करते. यहां तक कि हम इसके लिए किसी का विरोध नहीं कर रहे.'

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कहा था- देश में रहना है तो बीफ छोड़ना होगा
गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर 2015 में मनोहर लाल खट्टर ने ही बीफ बैन को लेकर कहा था कि मुस्लिमों को यदि इस देश में रहना है तो बीफ खाना छोड़ना होगा. खट्टर सरकार ने पिछले साल मार्च में हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन विधेयक पारित कराया था. हरियाणा सरकार के इस विधेयक को नवंबर में राष्ट्रपति की ओर से भी मंजूरी मिल गई थी.

क्या है कानून, कितनी है सजा
गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन कानून के मुताबिक राज्य में गोवंश के कत्ल करने पर 3 से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इसके अलावा स्लॉटर हाउस के लिए गायों का निर्यात करने वालों को भी तीन से 7 साल तक कैद की सजा और 30 से 70 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.

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