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हरियाणा: जाट नेताओं ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी, कहा- 2 मार्च को घेरेंगे संसद

हरियाणा में आयोजित जाट बलिदान दिवस के मद्देनजर राज्य सरकार ने रोहतक में ऐहतियातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी है तथा शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.वहीं जाट नेताओं ने अपनी मांग ना माने जाने की हालत में आंदोलन तीव्र करने तथा आगे संसद का घेराव करने की भी चेतावनी दी है.

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जाट नेताओं ने आज हरियाणा में बलिदान दिवस का आयोजन किया
जाट नेताओं ने आज हरियाणा में बलिदान दिवस का आयोजन किया

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हरियाणा में आयोजित जाट बलिदान दिवस के मद्देनजर राज्य सरकार ने रोहतक में ऐहतियातन इंटरनेट सेवा बंद कर दी है तथा शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है.वहीं जाट नेताओं ने अपनी मांग ना माने जाने की हालत में आंदोलन तीव्र करने तथा आगे संसद का घेराव करने की भी चेतावनी दी है.

दरअसल जाट बिरादरी के लोग सरकारी नौकरियों में आरक्षण और पिछले साल से जेल में बंद प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग को राज्य के 19 जिलों में पिछले 22 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के तहत अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आह्वान पर रविवार को रोहतक के जसिया गांव में बलिदान दिवस मनाया गया. इस आयोजन में प्रदेश के कई जिलों से जाट नेता रोहतक पहुंचे.

वहीं समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि 1 मार्च को प्रदेश के दस जिलों में धरने बढ़ा दिए जाएंगे तथा 2 मार्च को दिल्ली में संसद का घेराव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज देश भर में बलिदान दिवस मनाया जा रहा है और 36 बिरादरी के लोग आज यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा सरकार ने जल्दबाजी में मुआवजा बांटा है, जो काफी कम है. उन्होंने सरकार में बैठे मंत्रियों व समाज के नेताओं पर भी आंदोलन को तोड़ने के प्रयास का आरोप लगाया.

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पिछले साल आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी बलिदान खाली नहीं जाएगा तथा पूरा समाज सरकार को उनकी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर कर देगा. आज हर घर से महिला व पुरुष यहां धरना स्थल पर श्रद्धांजलि देने के लिए आए हैं. इससे साफ है कि पूरा समाज इस लड़ाई में उनके साथ है.

मलिक ने कहा कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने की बजाए आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे जाट मंत्री व नेता ही इस आंदोलन को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. वे कौम के गद्दार हैं तथा आने वाले समय में कौम उन्हें माफ नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, धरना अनिश्चितकालीन के लिए जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 1 मार्च के प्रदेश के दस जिलों में धरना शुरू किया जाएगा और इसके बाद 2 मार्च को दिल्ली में संसद का घेराव किया जाएगा.

बता दें कि जाट नेताओं ने इससे पहले सरकार को भरोसा दिलाया था कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्वक रहेगा, लेकिन प्रशासन ने पिछले साल फ़रवरी माह के दौरान ऐसे ही विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए रोहतक सहित सभी जिलों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की है.

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प्रशासन ने रोहतक को छावनी में तब्दील कर दिया है और प्रदर्शनकारियों पर कड़ी नज़र रखी जा रही है. इसके अलावा एहतियात के तौर पर इलाके में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है और जिले में दो दिनों तक शराब बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

इससे पहले हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहम्मद अकील ने कहा कि रविवार को प्रदेश में प्रस्तावित बलिदान दिवस के दृष्टिगत सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. वहीं राज्य के मौजूदा हालात को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को झूठा और गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि लोग रविवार को राष्ट्रीय राजमार्गों पर अपनी यात्रा सुरक्षित व सुचारू ढंग से कर सकते हैं.

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