हरियाणा में जाटों के आरक्षण पर रोक के मामले में जाट संगठनों ने नए एक्ट को इंदिरा साहनी केस के अनुरूप करार दिया. संगठनों ने हाई कोर्ट में कहा कि इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर को पिछड़ी जातियों की श्रेणी में आरक्षण लाभ से वंचित रखने की बात कही थी.
हरियाणा में जाटों को आरक्षण देते हुए भी क्रीमी लेयर की शर्त को शामिल किया गया है. संगठनों ने कहा कि ऐसे में याची की यह दलील गलत है कि जाटों को आरक्षण गलत तरीके से दिया गया है.
बुधवार को इन दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और जाट संगठनों से वो नोटिफिकेशन पेश करने को कहा है, जिसके तहत जाटों को आरक्षण देते हुए क्रीमी लेयर को बहाल करने का प्रावधान किया गया है. मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी.