हरियाणा के जींद में रविवार को खाप महापंचायत हुई. इसमें ये मांग की गई कि लिव-इन, लव मैरिज और सेम सेक्स मैरिज पर प्रतिबंध लगाया जाए. खाप महापंचायत में हरियाणा, यूपी, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की 300 खाप पंचायतों के सदस्यों ने हिस्सा लिया. इस दौरान बिनैण खाप के प्रमुख रघुबीर नैन ने कहा कि सबसे पहले लव मैरिज पर चर्चा हुई. खाप लव मैरिज के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पैरेंट्स की सहमति जरूरी है, क्योंकि कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता. उन्होंने कहा कि खाप एक ही गोत्र में विवाह के भी खिलाफ हैं.
रघुबीर नैन ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप के कारण भी पैतृक अधिकारों को लेकर विवाद हो रहा है. साथ ही समलैंगिक विवाह पर भी रोक लगनी चाहिए, क्योंकि जानवर भी इससे बचते हैं. उन्होंने कहा कि खाप लव मैरिज के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन माता-पिता की सहमति बहुत जरूरी है.
रघुबीर नैन ने कहा कि खाप पंचायत के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता से मिलकर सरकार पर संबंधित कानून में संशोधन करने का दबाव बनाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं और हिंदू कोर्ट बिल में संशोधन नहीं किया गया तो हम आंदोलन शुरू करेंगे. इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए 51 सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है.
इस दौरान एक महिला खाप नेता संतोष दहिया ने भी दावा किया कि लिव-इन रिलेशनशिप खराब है और इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. संतोष ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा जिस पर चर्चा की गई वह लिव-इन रिलेशनशिप और एक ही गोत्र में शादी का है. लिव-इन रिलेशनशिप के कारण पारिवारिक व्यवस्था टूट रही है, क्योंकि इसे कानूनी बना दिया गया है. अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहना कानूनी है. इसने समाज, बच्चों और हमारी संस्कृति को बुरी तरह प्रभावित किया है.
महिला खाप नेता ने कहा कि इससे महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं, क्योंकि पुरुष, चाहे वे पति हों या भाई, पत्नी की उपेक्षा करके अपनी पसंद की महिला के साथ रहना शुरू कर देते हैं. इसलिए महिलाएं इसके (लिव-इन) खिलाफ लड़ना चाहती हैं. संतोष दहिया ने कहा कि समान गोत्र विवाह का मुद्दा भी ज्वलंत है, जिसने सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है, साथ ही आनुवांशिक समस्याएं भी पैदा की हैं, जो समान गोत्र विवाह के बाद बढ़ जाती हैं.