हरियाणा के हिसार में हिंदू महासभा हुई, जिसमें कहा गया कि रेप के लिए लड़कियां खुद जिम्मेदार होती हैं और अगर वो जीन्स-स्कर्ट न पहनें तो ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. अब खाप पंचायतों ने इस बयान का समर्थन करते हुए ये भी कहा है कि गुड़गांव, फरीदाबाद जैसे इलाके जहां खाप पंचायतें नहीं हैं वहां रेप की ज्यादा वारदातें होती हैं.
जींद की खाप पंचायत ने हिंदू महासभा के समर्थन में कहा कि लड़कियां अगर सादे पहनावे में रहेंगी तो रेप की घटनाओं में कमी आएगी, ये एक अच्छा फैसला है और समाज के हित में भी है.
हालांकि खापों की पहली महिला प्रधान सुदेश चौधरी इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखती हैं और हिंदू महासभा के तुगलकी फरमान के खिलाफ मैदान में उतर आई हैं. सुदेश इस मामले को मुख्यमंत्री तक ले जाने की बात कर रही हैं और साथ ही ऐसे फरमान जारी करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने के लिए भी कह रही हैं.
हिंदू महासभा के इस फरमान पर कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों ने भी कड़ी आपत्ति जताई है और इसे गलत सोच बताया है. उनका कहना है कि पाबंदी लड़कियों पर क्यों लगे, लड़कों पर क्यों नहीं? लड़को को कोई तर्क नहीं देता और न ही उनपर कोई प्रतिबंध लगता फिर लड़कियों के साथ ऐसा क्यों?
हालांकि इस तरह के बयान से हिंदू महासभा की आलोचना हो रही है. कुछ खाप पंचायत भी इस फरमान पर एक-दूसरे के आमने-सामने आ गई हैं. सट्रोल खाप जहां ऐसे फैसले के विरोध में है तो वहीं कंडेला खाप इसके समर्थन में उतर आई है.
कंडेला खाप ने तो यहां तक कह दिया की ऐसी घटनाएं महानगरों और बड़े शहरों में ज्यादा होती हैं. जिनमें गुड़गांव फरीदाबाद भी शामिल हैं, वहां खापे नहीं है, इसलिए रेप वहां ज्यादा होते हैं.