उत्तराखंड के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए नया संकट नजर आ रहा है. जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के विधायकों ने राज्य में गठबंधन सरकार के खिलाफ तेवर दिखाए हैं. जेजेपी के विधायक डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर गठबंधन तोड़ने का दबाव डाल रहे हैं.
असल में, किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है जिस पर बुधवार को बहस होगी और जरूरत हुई तो फिर उस पर मतदान होना है.
JJP के सीनियर विधायक ने दिखाए तेवर
इसी क्रम में हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव से पहले जेजेपी के विधायकों ने गठबंधन सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिये हैं. जेजेपी के सीनियर विधायक देवेंद्र बबली ने कड़े तेवर दिखाते हुए अपनी पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को नसीहत दी है. उनका कहना है कि दुष्यंत चौटाला गठबंधन और सरकार का साथ छोड़ें. वह गठबंधन तोड़ें और सरकार से बाहर आएं.
देवेंद्र बबली ने कहा कि व्हिप जारी करके विधायकों को जबरन वोट करने के लिए कहा जा रहा है जबकि उन्हें लगता है कि जेजेपी और हरियाणा सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए.
वहीं, कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है, उनका समर्थन करने वाले विधायक और निर्दलीय उम्मीदवार भी पीछे हट गए हैं. अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किया जाएगा बल्कि सीधे मतदान होगा. कई चेहरे बेनकाब होंगे. लोगों की आवाज उठाना विपक्ष का काम है.
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर के साथ साथ हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में धरना प्रदर्शन जारी है. वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस ने हरियाणा की मौजूदा बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का दांव चला है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 25 विधायकों के हस्ताक्षर वाले अविश्वास प्रस्ताव को पेश किया गया है.
फिलहाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इसे मंजूर कर लिया है. अब विधानसभा में इस पर 10 मार्च यानी कल बुधवार को चर्चा होनी है और उसके बाद मतदान कराया जाएगा. बीजेपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव से निपटने के लिए व्हिप जारी कर अपने विधायकों को बुधवार को सदन में उपस्थित रहने और अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग करने का निर्देश दिया है. लेकिन इस बीच जेजेपी विधायक की नाराजगी और तीखे तेवरों ने राज्य के सियासी हालातों को और हवा दे दी है.
हरियाणा में ये एपिसोड ऐसे वक्त में सामने आ रहा है जब उत्तराखंड में विधायकों की नाराजगी के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाना पड़ा है. ऐसे में जेजेपी के सहारे सरकार चला रही बीजेपी के लिए सहयोगी विधायकों के तेवर खट्टर सरकार के लिए चुनौती भी बन सकते हैं.