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हरियाणा में मंत्रियों की लिस्ट तय करेगी जेजेपी का खट्टर सरकार में दखल

हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की टीम में नए मंत्री कौन होंगे, इस पर मंथन और चिंतन जारी है. जेजेपी की कोशिश ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद कोशिश में जुटी है तो निर्दलीय भी मंत्री बनने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं. नया कैबिनेट गठन बीजेपी के लिए किसी इम्तिहान से कम नहीं है.

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मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला
मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला

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  • हरियाणा में नई कैबिनेट पर माथापच्ची
  • JJP-निर्दलीय की मंत्री मंडल में हिस्सेदारी
  • हरियाणा में कुल 13 मंत्री बन सकते हैं

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बाद अब बारी कैबिनेट गठन की है. मनोहर लाल की टीम में नए मंत्री कौन होंगे, इस पर मंथन और चिंतन जारी है. जेजेपी ज्यादा से ज्यादा मंत्री पद कोशिश में जुटी है तो निर्दलीय भी मंत्री बनने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं. ऐसे में मनोहर सरकार का कैबिनेट गठन बीजेपी के लिए किसी 'इम्तिहान' से कम नहीं है. हरियाणा सरकार में जेजेपी के दखल का अंदाजा उसके मंत्रियों के हिस्सेदारी पर तय होगा.

हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा है. नियमों के मुताबिक राज्य की कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. बीजेपी और जेजेपी ने मिलकर सरकार बनाई है. हालांकि जेजेपी के समर्थन से पहले निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन का ऐलान कर दिया था. इस तरह से बीजेपी के सामने जेजेपी के साथ निर्दलीय विधायकों को साधकर रखने की चुनौती है.

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हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल को लेकर शह-मात का खेल चल रहा है. इस बार हरियाणा सरकार पूरी तरह से बीजेपी की नहीं है. बीजेपी को जेजेपी और निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है. नए मंत्रियों के चयन के दौरान बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती सामाजिक समीकरण साधने के साथ-साथ सहयोगी जेजेपी औैर निर्दलीय विधायकों को हिस्सेदारी देने की है.

डिप्टी सीएम बने दुष्यंत चौटाला की जेजेपी सबसे बड़ी सहयोगी है. सूत्रों की मानें तो जेजेपी उप मुख्यमंत्री के अलावा दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री के पद मांग रही है. जबकि बीजेपी डिप्टी सीएम के बाद एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री जेजेपी को देना चाहती है.

बीजेपी इसके अलावा जेजेपी को समय आने पर एक राज्यसभा सदस्य का ऑफर भी दे सकती है. इस तरह से दुष्यंत को बीजेपी साधकर रखना चाहती है. हालांकि बीजेपी जेजेपी के उन विधायकों को मंत्री बनाने पर भी तैयार नहीं है, जो उसके दिग्गज नेताओं को हराकर विधायक बने हैं. सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल गठन की प्रक्रिया बिना किसी तकरार के संपन्न हो, इसके लिए बीजेपी हाईकमान के कुछ वरिष्ठ नेता उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से बातचीत कर नई कैबिनेट को अमलीजामा पहना सकते हैं.

जेजेपी के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों को भी कैबिनेट में जगह देने को लेकर बीजेपी शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है. बीजेपी निर्दलीय विधायकों को किसी भी सूरत में अपने से दूर नहीं करना चाहेगी, क्योंकि इन्हीं की बदौलत बीजेपी जेजेपी के साथ संतुलन बनाकर रहेगी. हरियाणा में 7 निर्दलीय विधायक जीतकर आए हैं, जिन्होंने बीजेपी को समर्थन का सबसे पहले ऐलान किया है.

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ऐसे में बीजेपी अगर निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में जगह देती है तो गैर जाट नयन पाल रावत की किस्मत खुल सकती है. साथ ही निर्दलीय जाट विधायकों में से रोहतक की महम विधानसभा से विधायक बलराज कुंडू और दादरी से विधायक बने सोमवीर सांगवान को मंत्री बनाए जाने की संभावना दिख रही है. ये दोनों विधायक चुनाव से पहले बीजेपी से टिकट मांग रहे थे. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर आए.

फिलहाल मंत्री कौन बनेंगे, इस पर अटकलों और कयासों का दौर लगातार जारी है. ऐसे में अब बीजेपी हाईकमान के लिए अपनों के साथ-साथ जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के बीच तालमेल बिठाते हुए मंत्रियों का चयन करना किसी चुनौती से कम नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी मंत्रिमंडल के गठन में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है.

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