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'... तो डल्लेवाल की तरह अनशन भी करूंगा', आखिर क्यों भड़के हरियाणा के मंत्री अनिल विज

अनिल विज ने कहा कि वे हर सोमवार अंबाला कैंट में जनता कैम्प लगाते थे, लेकिन अब उन्होंने इसे भी बंद कर दिया है. साथ ही कहा कि वे अब ग्रीवेंस कमेटी मे भी नहीं जाएंगे, क्योंकि अधिकारी काम ही नहीं करते.

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अनिल विज (फाइल फोटो)
अनिल विज (फाइल फोटो)

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि अंबाला की जनता ने मुझे 7 बार विधायक बनाया है. उनके कामों के लिए अगर आंदोलन भी करना पड़ा, तो वे करेंगे. साथ ही कहा कि अगर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह उन्हें आमरण अनशन भी करना पड़ा तो वो भी करेंगे.

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अनिल विज ने कहा कि वे हर सोमवार अंबाला कैंट में जनता कैम्प लगाते थे, लेकिन अब उन्होंने इसे भी बंद कर दिया है. साथ ही कहा कि वे अब ग्रीवेंस कमेटी मे भी नहीं जाएंगे, क्योंकि अधिकारी काम ही नहीं करते. विज ने कहा कि अंबाला कैंट की जनता ने उन्हें सात बार एमएलए बनाया है, अगर उनके कामों को पूरा कराने के लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो करेंगे. 

बता दें कि अनिल विज पहली बार अपनी सरकार से नाराज नहीं हुए हैं, इससे पहले अनिल विज पूरे हरियाणा में जनता दरबार लगाते थे. भाजपा के दूसरे कार्यकाल में उनके पास गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय था, प्रदेश के लगभग सभी जिलों से लोग अंबाला में विज के जनता दरबार पहुंचकर अपनी समस्या रखते थे. जब मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी को सीएम बनाया गया तो अनिल विज नाराज हो गए. उनको उम्मीद थी कि सीएम की कुर्सी के लिए पार्टी उनके नाम का चयन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

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नायब सैनी कैबिनेट में अनिल विज को फिर मंत्री बनाया गया, मगर इस बार उन्होंने पूरे प्रदेश का जनता दरबार लगाना बंद कर दिया और खुद को अपने विधानसभा क्षेत्र अंबाला कैंट तक सीमित कर लिया. विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भी अनिल विज अंबाला कैंट से बाहर प्रचार करने नहीं गए.

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