हरियाणा जिला परिषद के चुनाव नतीजे आ गए हैं. सूबे की 22 जिला परिषद के लिए 411 सदस्य चुनने के लिए मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. हरियाणा जिला परिषद के चुनाव नतीजे अब आ गए हैं. इन चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों का पलड़ा भारी रहा है. सबसे अधिक निर्दलीय उम्मीदवार जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं.
कुछ दिग्गज अपनी प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब हुए तो कुछ के रिश्तेदार, समर्थित उम्मीदवारों को मात भी खानी पड़ी. अंबाला जिले के वार्ड नंबर चार से चुनाव मैदान में उतरीं कुरुक्षेत्र के बीजेपी सांसद नायब सिंह सैनी की पत्नी सुमन सैनी हार गईं. सुमन को चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा. इसी तरह रेवाड़ी में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह समर्थित सज्जन यादव को भी शिकस्त खानी पड़ी.
हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री अकरम खान के भाई शमीम खान, इंडियन नेशनल लोक दल के करण चौटाला, कुख्यात गैंगस्टर राजेश सरकारी की पत्नी मंजू हुड्डा चुनाव जीत गए हैं. हरियाणा के जिला परिषद सदस्य चुनाव में 95 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. इसके बाद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नंबर आता है.
बीजेपी के अधिकृत या पार्टी के समर्थित 58 सदस्य चुनावी बाजी जीतकर जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं. जिला परिषद सदस्यों की संख्या के मामले में सत्ताधारी बीजेपी के बाद कांग्रेस का नंबर आता है. कांग्रेस के उम्मीदवार 26 वार्ड से चुनाव जीतकर जिला परिषद सदस्य निर्वाचित होने में सफल रहे हैं. दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा पंचायत चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है.
आम आदमी पार्टी के छह उम्मीदवार विजयी रहे हैं. इसी तरह सूबे के सत्ताधारी गठबंधन की महत्वपूर्ण घटक दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी ने भी जिला परिषद के 15 वार्ड में जीत हासिल की है. इंडियन नेशनल लोक दल के करण चौटाला सिरसा से जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं. इंडियन नेशनल लोक दल ने भी छह वार्ड में विजय पताका फहराया है.
बहुजन समाज पार्टी भी पांच वार्ड में चुनाव जीत गई है. पंचकूला और गुरुग्राम में बीजेपी को जोर का झटका लगा है. पंचकूला में बीजेपी खाता तक नहीं खोल पाई. पंचकूला के सभी 10 वार्ड में बीजेपी उम्मीदवारों को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी और पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई. इसी तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के छह वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.
हालांकि, भिवानी जिले में बीजेपी का दबदबा रहा. भिवानी में 16 वार्ड से बीजेपी के उम्मीदवार चुनाव जीतकर जिले की संसद में पहुंचने में सफल रहे. बीजेपी के साथ सूबे की सरकार में गठबंधन सहयोगी जेजेपी की सीटें भी जोड़ लें तो सत्ताधारी दलों के कुल 73 उम्मीदवार चुनाव जीतकर जिला परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं.