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रोहतक के एक गांव में 10 दिन में 40 लोगों की मौत, अब प्रशासन ने शुरू की कोरोना जांच

ग्रामीणों में कोरोना से ही मौत होने की चर्चा है. मरने वालों में बुजुर्ग, अधेड़, महिलाएं व युवा शामिल हैं. छह से सात मौत 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की हुई हैं. 

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 रोहतक के टिटौली गांव में 10 दिन में करीब 40 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. (सांकेतिक फोटो)
रोहतक के टिटौली गांव में 10 दिन में करीब 40 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ग्रामीणों में खौफ, एक दिन में जल चुकी 11 चिताएं 
  • मृतकों को था बुखार
  • अब जांच के लिए लिय गया सैंपल

हरियाणा के रोहतक जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर टिटौली गांव के लोग लगातार हो रही मौतों से दहशत में हैं. दस दिन में करीब 40 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है. इन मौतों के कारण तो स्पष्ट नहीं हो पाए हैं लेकिन बुखार के बाद तबीयत खराब होने की बात सामने आई है. 

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हालांकि ग्रामीण इसे कोरोना का प्रकोप बता रहे है. मरने वालों में बुजुर्ग, अधेड़, महिलाएं व युवा शामिल हैं. छह से सात मौत 40 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की हुई हैं. अब प्रशासन हरकत में आ गया है और कोरोना संक्रमण जांचने के लिए टेस्ट भी शुरू कर दिए गए हैं. यही नहीं गांव की गलियों में ट्रैक्टर में हवन करते घूमा जा रहा है.

ग्रामीणों ने जहां महामारी से बचाव के लिए गांव की गलियों में हवन यज्ञ करना शुरू कर दिया है. वहीं, प्रशासन की टीम भी लोगों का टेस्ट करने के लिए गांव में पहुंच चुकी है. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 10 दिन में ऐसा कोई दिन भी नहीं बचा जब गांव में किसी की मौत ना हुई हो और मौत का कारण बुखार आना बताया गया है. अब तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच करनी भी शुरू कर दी है और टेस्ट में बहुत से लोग पॉजिटिव पाए गए हैं.

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गांव में पहुंचे रोहतक के एसडीएम राकेश सैनी ने बताया कि वह लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपने टेस्ट करवाएं ताकि यह पता चल सके कि वह कोरोना संक्रमित तो नहीं हैं. अगर ऐसा करेंगे तो लोग अपने परिवारों को बचा पाएंगे. लेकिन अब तक ज्यादा लोग टेस्ट कराने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. लेकिन फिर भी उनकी तरफ से प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट कराने के लिए समझाया जा सके.
 

 

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