हरियाणा में जाटों ने आरक्षण के लिए दोबारा आंदोलन की चेतावनी दी है. सरकार को फैसला लेने के लिए हफ्तेभर का समय दिया है. चेतावनी दी है कि उनकी मांग नहीं मानी गई तो 15 फरवरी को हरियाणा में एक दिन चक्का जाम करेंगे. इस बीच, पुलिस ने भी आंदोलनकारियों से निपटने की तैयारी कर ली है. जींद जिला पुलिस ने गुलेल और हजारों कंचे खरीदे हैं, ताकि कानून व्यवस्था काबू में रखी जा सके.
कल से 5 लोग अनशन पर भी
जाट महासभा में ही ऐलान किया गया कि सोमवार से महासभा के 5 सदस्य अनशन पर भी बैठेंगे. हरियाणा में जाट लंबे समय से सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. उधर, प्रसाशन ने किसी भी हालात से निपटने के लिए जींद में पुलिस की 4 अतिरिक्त कंपनियां तैनात कर दी हैं, ताकि हालात काबू में रखे जा सकें.
पुलिसवालों को स्पेशल ट्रेनिंग
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक इन चारों कंपनियों के पुलिसकर्मियों को गुलेल चलाने की स्पेशल ट्रेनिंग भी दी गई है. एसपी अभिषेक जोरवाल ने शनिवार को इन जवानों की ट्रेनिंग का बाकायदा जायजा भी लिया. साथ ही चेताया कि यदि हालात बेकाबू हो रहे हों तो नियंत्रण पाने के लिए फायरिंग आखिरी विकल्प होना चाहिए.
27 को विधानसभा का घेराव
अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा की जींद के नरवाना में रविवार को हुई महापंचायत में 15 फरवरी को एक दिन चक्का जाम करने का फैसला लिया गया. उसी दिन आगे की रणनीति की घोषणा भी की जाएगी. इसी महापंचायत में यह भी तय हुआ है कि 15 के बाद भी सरकार ने मांगें नहीं मानी तो 27 फरवरी को विधानसभा का घेराव करेंगे.
अबकी बार ऐसी तैयारी क्यों?
पुलिस ने अबकी बार गुलेल और कंचे इसलिए खरीदे हैं, ताकि कोई नया विवाद पैदा न होने पाए. पिछली बार 2012 में जब आंदोलन हुआ था तो हिंसा भड़क गई थी. पुलिस ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग कर दी थी जिसमें तीन युवक मारे गए थे. इसके बाद हालात और बिगड़ गए थे.