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बेटे की नौकरी के लिए जमीन बेची, विदेश भेजा, ट्रैवल एजेंट माफिया के गुर्गों ने बंधक बनाकर मार डाला!

हरियाणा में विदेश में अच्छी नौकरी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. यहां एक ट्रैवल एजेंट ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है. इन लोगों को लीबिया भेज दिया, जहां माफियाओं ने अगवा कर लिया. सभी को प्रताड़ित किया गया. इनमें एक युवक की मौत हो गई. लीबिया में करीब 17 लोग फंसे हैं और शरणार्थी शिविर में रुके हैं.

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डेरा बस्सी के 22 साल के टोनी की लीबिया में मौत हो गई. उसे ट्रैवल एजेंट मदन लाल ने भेजा था. (फाइल फोटो)
डेरा बस्सी के 22 साल के टोनी की लीबिया में मौत हो गई. उसे ट्रैवल एजेंट मदन लाल ने भेजा था. (फाइल फोटो)

पंजाब में एक परिवार को ट्रैवल एजेंट पर आंख मूंदकर भरोसा करना जिंदगी भर का दर्द दे गया है. बेटे को विदेश में अच्छी नौकरी दिलाने के नाम पर ट्रैवल एजेंट ने लाखों रुपए वसूल किए. फिर दूसरे देश में भिजवा दिया. वहां बेटे समेत 9 अन्य लोगों को ट्रैवल माफियाओं ने बंधक बना लिया और प्रताड़ित किया, जिससे लड़के की मौत हो गई. अब परिवार दो महीने से शव वापस लाने के लिए भटक रहा है. लेकिन, इतने पैसे नहीं हैं कि खर्चा उठा सकें. 

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जानकारी के मुताबिक, पंजाब के डेरा बस्सी में रहने वाले रविंदर कुमार (45) के पास भूखरी इलाके में सिर्फ 250 वर्ग मीटर की कृषि भूमि का एक छोटा सा टुकड़ा था. उन्होंने इस साल फरवरी में इस जमीन के टुकड़े को इसलिए बेच दिया था, ताकि वे अपने 22 वर्षीय बेटे टोनी को इटली भेज सकें. ये जमीन बेचने के बाद रविंदर भूमिहीन हो गए. रविंदर बताते हैं कि उनसे हरियाणा के कुरूक्षेत्र में पिहोवा के ट्रैवल एजेंट मदन लाल ने 12 लाख रुपये लिए थे और बेटे को इटली में अच्छी कंपनी में नौकरी दिलाने का वादा किया था. मदन लाल, पूजा कॉलोनी क्षेत्र में सीबीआर ट्रैवल्स चलाता है.

एक ही परिवार के तीन लोग गए थे विदेश

रविंदर कहते हैं कि उन्होंने मदन लाल पर आंख मूंदकर भरोसा किया और टोनी के साथ अपने छोटे भाई संदीप (31) और जीजा धर्मबीर (28) को भी भेज दिया. ये तीनों लोग 6 फरवरी 2023 को भूखरी से रवाना हुए और दुबई पहुंचे. एजेंट ने उन्हें इटालियन वर्क परमिट देने का वादा किया था, लेकिन बाद में इनकार कर दिया और उन्हें 10 अन्य लोगों के साथ लीबिया भेज दिया.

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6 मई को लीबिया में कर लिया अगवा

टोनी ने 6 मई को पिता रविंदर को फोन किया और बताया कि बेंगाजी में स्थानीय सशस्त्र बदमाशों ने उन लोगों को अगवा कर लिया है. अवैध रूप से कैद रखा गया है. ज्यादा पैसे वसूलने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है. रविंदर ने आजतक से बातचीत में कहा, बेटे ने मुझे बताया कि उसे कैद करके रखा गया है. स्थानीय माफिया उसे प्रताड़ित कर रहे थे और धमकी दे रहे हैं.

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धर्मवीर और संदीप कुमार भी लीबिया के कैंप में फंसे हैं.

पाकिस्तानी एजेंट के माध्यम से भेजे गए पैसे

यह टोनी की अपने पिता को आखिरी कॉल थी. परिवार ने एजेंट मदन लाल को बुलाया, उसने यह कहकर दो लाख रुपये की मांग की कि टोनी को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा. रविंदर के अनुसार, यह पैसा पाकिस्तानी ट्रैवल एजेंट नवाजिश अली गुलाम रसूल उर्फ ​​मिट्ठू को दिया गया था, जो मदन लाल के संपर्क में है और दुबई से काम करता है. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उसने यह पैसा आगे दिया या नहीं.

दो दिन बाद प्रताड़ना से बेटे की हो गई मौत

चूंकि, परिवार को 6 मई के बाद कोई फोन नहीं आया, इसलिए गांव की पंचायत ने एजेंट मदन लाल को बुलाया और उन लोगों को ट्रैवल माफियाओं की कैद से छुड़ाने और वापस लाने का दबाव डाला. रविंदर कहते हैं कि हमेशा की तरह हमें आश्वासन दिया गया. पंचायत के दो दिन बाद मुझे पता चला कि टोनी की मौत हो गई है. अब अपने बेटे के शव को वापस लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वर्तमान में बेटे की बॉडी बेंगाजी की मोर्चुरी में पड़ी है. 9 अन्य लोग जीवित हैं. कुल 17 भारतीय शरणार्थी वहां शिविर में रह रहे हैं.

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लीबिया पुलिस की मदद से मुक्त हुए भारतीय नागरिक

भूखरी के एक अन्य निवासी बृज मोहन लाल ने आजतक को बताया कि लीबिया दूतावास के एक अधिकारी ने शनिवार को उन्हें सूचित किया कि कुल 17 भारतीय हैं. इनमें से अधिकांश हरियाणा और पंजाब से हैं. ये सभी लोग वर्तमान में एक शरणार्थी शिविर में रह रहे हैं. ये लोग पहले सशस्त्र माफियाओं की कैद में थे, लेकिन बाद में स्थानीय पुलिस ने उन्हें छुड़ा लिया. टोनी की प्रताड़ना के दौरान मौत हुई है. भूखरी के धर्मबीर और संदीप कुमार, हांडेसरा गांव के अजय और पंजाब के अलावा करनाल और पिहोवा के लोग भी शरणार्थी शिविर में हैं.

रिपोर्टस में कहा गया है कि इन पीड़ितों को 13 जून को लीबियाई पुलिस की मदद से कैद से मुक्त कराया गया. टोनी के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि मुस्तफा नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इन पीड़ितों को सशस्त्र माफियाओं की कैद से छुड़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. लीबिया सरकार ने पीड़ित भारतीयों की एक तस्वीर जारी की है.

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अजय भी लीबिया के शरणार्थी कैंप में है.

ट्रैवल एजेंट का परिवार भी गायब, FIR

इस घटनाक्रम के बाद कुरुक्षेत्र का ट्रैवल एजेंट मदन लाल फरार है. उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है. पुलिस ने 90 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. पीड़ित परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने जून के आखिरी सप्ताह में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन एक महीने बाद 24 जुलाई को मदन लाल, उनकी पत्नी आशा रानी और उनकी बेटी अमीषा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

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हरियाणा सरकार बोली- कार्रवाई करेंगे

ट्रैवल एजेंट इस समय फोन कॉल रिसीव नहीं कर रहा है. उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद गायब हो गया है. वहीं, हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ऐसे ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामलों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने पिछले कुछ वर्षों में 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है.

फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले देशद्रोही: अनिल विज

विज कहते हैं कि अब नए-नए धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. हमने इन मामलों की जांच के लिए आईजी अंबाला के नेतृत्व में एक नई एसआईटी का गठन किया है. अंबाला और कैथल के एसपी भी एसआईटी का हिस्सा हैं. इस एसआईटी टीम ने 90 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं. अब हम एक ऐसा कानून लाने की भी योजना बना रहे हैं जिसका मसौदा पहले ही तैयार हो चुका है. कड़े कानून का अभाव है इसलिए लोग ठगे जा रहे हैं. गिरफ्तार किए गए कुछ एजेंटों को फर्जी वीजा जारी करने का दोषी पाया गया है. वे देशद्रोही हैं जो फर्जी पासपोर्ट तैयार कर रहे हैं.

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इस पूरे मामले में दुबई में पाकिस्तानी ट्रैवल एजेंट नवाजिश अली गुलाम रसूल उर्फ ​​मिट्ठू की संलिप्तता भी सामने आई है.

पंजाब के सांसद भी परिवार के संपर्क में

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इस बीच, पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने भूखरी में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. परिवार पटियाला की सांसद परनीत कौर और राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी के भी संपर्क में है. 

शव भेजने के लिए मांगे जा रहे 6 लाख

टोनी के पिता रविंदर कुमार कहते हैं, हम पिछले दो महीने से अपने बेटे का शव वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. सभी ने मदद का आश्वासन दिया है. वे (लीबिया के अधिकारी) शव भेजने के लिए पांच से छह लाख रुपये मांग रहे हैं. परिवार के सदस्यों ने कहा कि लीबिया दूतावास के अधिकारियों ने शरणार्थी शिविरों में रहने वाले पीड़ितों के पासपोर्ट बनाने के लिए 20 डॉलर की मांग भी की है.

टिकट और वीजा की व्यवस्था करे सरकार

एक अन्य भूखरी निवासी बृज मोहन लाल ने कहा, हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि इन पीड़ितों को उनके टिकट और वीजा की व्यवस्था करके बचाया जाए ताकि वे सुरक्षित घर लौट सकें.

 

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