शनिवार को हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा 4 लाख क्यूसिक पानी हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के दर्जनों गांवों के लिए मुसीबत बन कर आया है. पानी घरों में घुस गया और लोगों ने डर की वजह से रात घरों की छतों पर सो कर गुजारी.
हरियाणा के सिर्फ यमुनानगर जिले के 7 गांव इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. हालांकि प्रशासन ने पानी छोड़ने से पहले लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने के लिए कहा था लेकिन लोग अपने घरों में ही डटे रहे. यमुनानगर जिला के जिन 7 गांवों में हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी घरों में घुस आया उनमें लापरा गांव भी शामिल है. इस गांव के दर्जन से ज्यादा कच्चे मकान और झोपड़ियां पानी की भेंट चढ़ गए. गांव के सरपंच अजीज खान ने बताया कि ऐसी बाढ़ 2013 में आई थी.
पानी में डूबे घरों में रहने को मजबूर
स्थानीय निवासी इंतजार के मुताबिक लोग पशुओं की रखवाली और चोरी के डर से पानी में डूबे घरों में रहने को मजबूर हैं. गांव में पानी घुसने से जिन लोगों के कच्चे मकान गिरे उसमें हारून का मकान भी शामिल है. वहीं गांव के निवासी मुजाहिर का सामान पानी में डूब गया तो गुलशेर सहित कई लोगों के पशु बाढ़ में मर गए.
इन सबके बीच यमुनानगर प्रशासन ने जिले में हाई अलर्ट की घोषणा की है. प्रशासन की ओर से लोगों को सुरक्षित जगह पर चले जाने को कहा गया है. इसके साथ ही लोगों को यमुना और दूसरे नदी नालों के तटीय क्षेत्रों में न जाने देने की चेतावनी दी गई है. इसके अलावा 3 पड़ोसी जिलों करनाल, पानीपत और सोनीपत में भी हाई अलर्ट घोषित किया गया है. सेना और वायु सेना को भी सतर्क रहने को कहा गया है. यमुनानगर में आपदा प्रबंधन के 47 सदस्यों की टीम तैनात की गई है.