किसानों के प्रदर्शन के बीच हरियाणा में मनोहर खट्टर सरकार को झटका लगा है. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. विधायक ने कहा कि किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया है, उसको देखते हुए मैं सरकार से अपना समर्थन वापस लेता हूं.
आपको बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का गुस्सा सबसे अधिक पंजाब और हरियाणा में ही फूटा है. पंजाब से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, जिन्हें हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया था. यहां किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले, पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया, जिसपर काफी विवाद हुआ था और खट्टर सरकार निशाने पर आई थी.
Haryana: Independent MLA Sombir Sangwan withdraws his support from the Khattar led-Harayana govt
— ANI (@ANI) December 1, 2020
"In light of the atrocities committed on the farmers, I hereby withdraw my support to the current govt," he says, while in Charkhi Dadri pic.twitter.com/QhYgvSxRFd
हरियाणा की मनोहर खट्टर सरकार अपने दम पर नहीं बल्कि कई विधायकों के समर्थन के साथ सत्ता में बनी हुई है. सरकार में बीजेपी के 40, JJP के 10 और 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. इन्हीं में से एक विधायक ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. हालांकि, इससे खट्टर सरकार पर कोई असर नहीं होगा.
देखें: आजतक LIVE TV
हरियाणा में बहुमत के लिए कुल 46 का आंकड़ा चाहिए, जबकि खट्टर सरकार के पास अब 55 विधायकों का समर्थन है. निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान के समर्थन के साथ हरियाणा सरकार के पास कुल आंकड़ा 56 का था.
गौरतलब है कि हरियाणा में जिस तरह किसानों पर एक्शन लिया गया, उसपर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने भी आपत्ति जताई थी. ट्विटर पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री कई बार आमने-सामने भी आए. पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर ने मनोहर खट्टर से बात करने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उन्हें किसानों से माफी मांगनी चाहिए.
हालांकि, जवाब में मनोहर खट्टर ने कहा था कि किसानों को कृषि कानून से कोई घाटा नहीं होगा, MSP कभी खत्म नहीं होगी. अगर MSP हटी तो वो राजनीति से रिटायर हो जाएंगे.