हाथरस की बेटी के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी से देश के लोगों का गुस्सा एक बार फिर फूटकर सामने आया है. दरिंदों को फांसी देने की मांग को लेकर जगह-जगह पर सड़कों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. मांग की जा रही है कि हाथरस की बेटी की जान लेने वाले दरिंदों को फांसी की सजा में निर्भया की तरह देरी नहीं होना चाहिए. साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने की भी आवाज बुलंद की जा रही है.
हाथरस गैंगरेप केस (Hathras Gangrape Case) के विरोध प्रदर्शन के बीच हरियाणा में एक ऑटो ड्राइवर ने अनोखा संकल्प लिया है. हिसार के निकटतम गांव आर्यनगर के ऑटो ड्राइवर राजपाल बुमरा ने प्रण लिया है कि जब तक हाथरस कांड के रेपिस्टो को फांसी नहीं मिलेगी तो वो पैरों में जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे. राजपाल का कहना है कि वो महिलाओं का सम्मान करने वाले व्यक्ति हैं.
देश को शर्मशार करने वाली इस घटना के सभी आरोपियों को फांसी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हाथरस में दलित बेटी के साथ जो कुकर्म हुआ उससे काफी दुखी हूं. जब तक हाथरस कांड के दरिंदों को फांसी नहीं दी जाएगी तब तक इस घटना के विरोध में जूता-चप्पल नहीं पहनूंगा. उन्होंने कहा कि यूपी के हाथरस की बेटी अब पूरे देश की बेटी बन चुकी है. देश उसके लिए सड़कों पर उतरकर न्याय मांग रहा है. पीएम मोदी को भी महिलाओं से जुड़े कानून को और सख्त बनाना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले निर्भया कांड के आरोपियों को फांसी की सजा मिलने पर ऑटो ड्राइवर राजपाल ने सवारियों को नि:शुल्क सेवा दी थी. ऑटो ड्राइवर राजपाल बुमरा रक्षा बंधन पर बहनों के लिए नि:शुल्क ऑटो चलाते हैं. इसके अलावा उन्होंने लाइफ में कभी भी हैंडीकैप सवारियों से किराया नहीं लिया. चोट लगने और घायल सवारियों को भी फ्री सेवा देते हैं. ऑटो ड्राइवर राजपाल घायलों को नि:शुल्क उनके घर पहुंचाते हैं.
गौरतलब है कि हाथरस कांड बीते 3-4 दिनों से सुर्खियों में है. रेप पीड़िता की मौत के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई है. सभी विपक्षी दल एकजुट होकर यूपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, हाईकोर्ट ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई है. रेप पीड़िता की मौत के बाद परिजनों की इजाजत के बिना ही रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. शासन का कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि रात में अंतिम संस्कार किसके निर्देश पर किया गया.