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10 जनपथ के नाम HUDA ने आवंटित किए 6 प्लॉट

हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) के फरीदाबाद तथा गुड़गांव स्थित बेशकीमती प्लॉट जिन चहेतों को बांटे गए उनमें कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अपना पता नई दिल्ली का 10 जनपथ लिखवा रखा है.

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हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी
हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी

हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) के फरीदाबाद तथा गुड़गांव स्थित बेशकीमती प्लॉट जिन चहेतों को बांटे गए उनमें कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने अपना पता नई दिल्ली का 10 जनपथ लिखवा रखा है. यह बंगला यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को अलॉट है और वह वहां रहती हैं. इसके अलावा 44 ऐसे भी प्लॉट हैं जो कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड को आवंटित किए गए हैं. यह जानकारी अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने दी है.

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अखबार ने लिखा है कि 80 और 90 के दशक में ये रिहायशी प्लॉट लोगों ने फर्जी पते पर अलॉट करवा लिए थे. इनमें से कई तो उन बंगलों में काम करते थे और अब ज्यादातर इन्हें बेच चुके हैं. जब यह घपला हुआ था तो कांग्रस के भजन लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. अब इस फर्जीवाड़े का पता चला है. बताया जाता है कि कई लोगों ने तो दो-दो प्लॉट अलॉट करवा लिये थे और कई बेचकर जा भी चुके हैं. हुडा इन सभी मामलों की जांच करा रहे है. अब पता लगाया जा रहा है कि कैसे इतनी बड़ी साजिश रची गई और कौन लोग इसमें संलिप्त थे. ऐसा पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के ऑर्डर पर हो रहा है.

अखबार ने लिखा है कि कांग्रेस मुख्यालय में क्लर्क से लेकर ड्राइवर तक सभी को प्लॉट मिले. इन प्लॉट के साइज 125 वर्ग गज से लेकर 500 वर्ग गज तक थे. कांग्रेस स्टाफ के कई ऐसे लोग भी थे जिन्होंने दो या उससे भी ज्यादा प्लॉट अलॉट करवा लिए थे. इन लोगों में से कई अभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जैसे अजय माकन, दिग्विजय सिंह, मोती लाल वोहरा वगैरह के यहां काम कर रहे हैं.

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24 अकबर रोड में कार्यरत चंदन सिंह पायल को गुड़गांव और फरीदाबाद में दो प्लॉट मिले थे. ये प्लॉट 10-10 मरला के हैं और 1981 तथा 1984 में अलॉट हुए थे. उन्होंने दोनों ही बेच दिए. उन्होंने अखबार को बताया कि 1991 में मैंने दोनों प्लॉट बेच दिए. उनमें उन्हें खास लाभ नहीं हुआ. रावत ने बताया कि लगभग सभी लोगों ने प्लॉट बेच दिए हैं. उन दिनों प्लॉट पर ज्यादा प्रीमियम नहीं था. ऐसे ही तिलक राज. एनपीवी नायर वगैरह को दो-दो प्लॉट मिले थे.

एक अन्य कर्मचारी किशन चंद जंगडा ने बताया कि उन्हें भी गुड़गांव में प्लॉट मिला था. उन्होंने 1994 में उसे बेच दिया था. उसमें उन्हें ज्यादा प्रीमियम नहीं मिला था. उन्होंने बताया कि 24 अकबर रोड में काम करने वाले सभी को वहां प्लॉट मिले थे.

अखबार ने कई अन्य कर्मचारियों के नाम उजागर किए हैं. इनमें से दो गुजर चुके हैं.

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