कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अपने खिलाफ बने जांच आयोग पर प्रतिक्रिया दी है. इसके लिए वाड्रा ने फेसबुक का सहारा लिया. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि हमने कुछ नहीं छुपाया, उम्मीद करता हूं कि निष्पक्ष तरीके से जांच होगी.
उन्होंने लिखा- 'हरियाणा सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं. मैं या मुझसे जुड़े किसी ने कुछ भी नहीं छुपाया है. सबकुछ पारदर्शी और कानूनी तरीके से किया गया है. उम्मीद करता हूं कि निष्पक्ष तरीके से जांच होगी.'
इससे पहले हरियाणा की बीजेपी सरकार ने वाड्रा से जुड़े विवादित जमीन सौदे की जांच के लिए एकसदस्यीय उच्चस्तरीय आयोग गठित की. दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एस एन ढींगरा वाड्रा के खिलाफ लगे आरोपों की नए सिरे से जांच करेंगे. जस्टिस ढींगरा हरियाणा की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों में हुई अनियमितताओं, खासकर जमीन सौदे से जुड़े मामले की जांच करेंगे. जांच का ऐलान ऐसे समय में किया गया है, जब केंद्र सरकार का लैंड बिल पास होने में कांग्रेस रोड़े अटका रही है.
मैं जांच से खुश, सच सामने आएगा: वाड्रा
उधर रॉबर्ट वाड्रा ने 'आज तक' से खास बातचीत में कहा, 'जांच चल रही है. मैं खुश हूं और सच सामने आएगा.' वहीं हरियाणा के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने आयोग गठित होने के बाद कहा कि अब सच्चाई पूरी तरह उजागर की जाएगी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'आप जो भी मुनाफा कमा रहे हैं वो गलत तरीके से लिया गया है. वो वीआईपी दामाद हैं. हुड्डा सरकार हर वक्त चाहती थी कि वो दामाद की सेवा करे ताकि सोनिया खुश रहें. जज साहब उसकी पूरी सच्चाई सबके सामने बाहर लाएंगे.'
अनिल विज ने कहा, 'मुझे लगता है कि 6 महीने में दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा.' फैसले की टाइमिंग पर किए गए सवाल को उन्होंने खारिज कर दिया और कहा, 'इसमें कोई वेंडेटा पॉलिटिक्स कहां से आ गई. हमने चुनाव के पहले भी कहा था कि हम जांच करवाएंगे.'
जमीन सौदे में हुड्डा सरकार ने की थी वाड्रा की मदद?
हरियाणा में भूपिंदर सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा पर एनसीआर में सस्ती दरों पर जमीन खरीदकर ऊंची दरों पर बेचने का आरोप है. गुड़गांव जिले में वाड्रा की कंपनी ने रियल्टी कंपनी डीएलएफ के साथ जमीन का एक सौदा 58 करोड़ रुपये में किया था.
मार्च में बीजेपी ने कांग्रेस पर यह कह कर निशाना साधा था कि हरियाणा में हुड्डा सरकार के दौरान जमीन सौदे के मामले में भारी घोटाला हुआ है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने हुड्डा सरकार पर वाड्रा का पक्ष लेने का आरोप लगाया था, जिन्हें विवादित जमीन सौदे से लाखों की कमाई हुई है.