हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो बड़े विवाद की वजह बन सकता है. सरकार ने प्रदेश के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र मेवात में सड़क किनारे बिकने वाली बिरयानी की जांच करवाने का निर्णय लिया है.
शक किया जा रहा है कि सड़क किनारे बिकने वाले बिरयानी में कहीं गोमांस मिलाकर तो नहीं बेचा जा रहा. यानी सरकार मेवात में बिरयानी की हर दुकान में जाकर जांचेगी कि उसमें बीफ तो नहीं मिलाया गया है. अगर ऐसा पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह निर्णय मंगलवार को मेवात में हरियाणा गोसेवा आयोग के अध्यक्ष भानीराम मंगला ने काउ प्रोटक्शन टास्क फोर्स की इंचार्ज और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी भारती अरोड़ा के साथ बैठक के बाद लिया. भानी राम मंगला ने बैठक में मौजूद पुलिस अधिकारियों से कहा है जिन-जिन गांवों में बिरयानी बिक रही है वहां से तुरंत सैंपल उठाना शुरू कर दें. सैंपल से पता चलेगा कि बिरयानी में किसका मांस बेचा जा रहा है.
फैसले पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में परिवहन मंत्री रहे मेवात के कांग्रेसी नेता आफताब अहमद और मेवात से इंडियन नेशनल लोकदल विधायक जाकिर हुसैन ने कहा कि आरएसएस की सोच को बढ़ावा देते हुए बीजेपी सरकार मुस्लिम कम्युनिटी को बदनाम करने के लिए ऐसे कदम उठा रही है.
वहीं इस मामले पर हरियाणा का बचाव करते हुए मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा में गौ हत्या करने और गोमांस खाने पर प्रतिबंध है. ऐसे में हरियाणा गोसेवा आयोग और हरियाणा पुलिस की गो टॉस्क फोर्स ये सब शिकायत मिलने पर कानून के मुताबिक ही कर रहे हैं.
गोहत्या के मामले को लेकर मेवात का इलाका खासा बदनाम रहा है. इसलिए यहां गो-तस्करों की पुलिस और गोरक्षकों में भिड़ंत होती रहती है. लेकिन हरियाणा सरकार के इस आदेश को सबसे पहले मेवात में लागू करने से से विवाद बढ़ गया है.