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जाट आंदोलन: हरियाणा ने केंद्र से मांगी अर्ध सैनिक बल की 56 कंपनियां

जाट आंदोलन के बढ़ने की आशंका के बीच हरियाणा की खट्टर सरकार ने केंद्रीय गृह मन्त्रालय से 56 कंपनी अर्ध सैनिक बल की मांग की है, जबकि राज्य में अर्ध सैनिक बलों की 37 कंपनियां पहले से मौजूद हैं.

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जाट आंदोलन से निपटना है चुनौती
जाट आंदोलन से निपटना है चुनौती

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जाट आंदोलन के बढ़ने की आशंका के बीच हरियाणा की खट्टर सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 56 कंपनी अर्ध सैनिक बल की मांग की है, जबकि राज्य में अर्ध सैनिक बलों की 37 कंपनियां पहले से मौजूद हैं.

उधर पानीपत में हुई बैठक का अधिकारियों ने राज्य की कैबिनेट में विवरण दिया है. कैबिनेट ने जाटों की तमाम मांगों को संजीदगी से सुना है और जाटों एवं अधिकारियों की कमेटी की दूसरी बैठक जल्द ही हो सकती है. राज्य के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के सचिव गृह ,आईजी ,सीआईडी के अधिकारी, मुख्य सचिव की पांच सदस्य कमेटी के साथ जाट आरक्षण को लेकर हुई बैठक की भी जानकारी ली.

हरियाणा में आंदोलनकारी जाटों से बातचीत करने के लिए सरकार द्वारा गठित 5 सदस्यीय समिति ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सौंप दी है. मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति की सिफारिशों का अध्ययन करने बाद ही उचित निर्णय किया जाएगा.

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आपको बता दें कि हरियाणा के नौ जिलों में पिछले कई दिन से सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे आंदोलनकारियों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है. पिछले साल हरियाणा में हुए जाट आरक्षण में कई जिलों में हिंसा का जो तांडव हुआ उससे शांतिप्रिय हरियाणा की छवि देश-विदेश में धूमिल हुई. हिंसा पर उतरे आंदोलनकारियों ने आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया था, जिसमें राज्य के कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के रोहतक स्थित आवास को भी आग के हवाले कर दिया था.

उस आंदोलन के दौरान करीब 31 लोगों की जान गई थी. महिलाओं के साथ रेप के आरोप भी लगे थे. हिंसक आंदोलन की जांच-पड़ताल के लिए सरकार ने प्रकाश सिंह आयोग का गठन किया था जिसने अपनी रिपोर्ट में कई अफसरों को सीधे तौर पर दोषी ठहराया था. रिपोर्ट के पहले हिस्से को सरकार ने सार्वजनिक किया और कुछ अफसरों पर कार्रवाई भी हुई.

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