हरियाणा में जाट आरक्षण मामले में राज्य सरकार द्वारा बनाये गए ड्राफ्ट पर जाट नेताओं की सहमति नहीं बन पाई है. जाट नेताओं ने सरकार को 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है. इस बीच मीटिंग का दौर जारी रहेगा.
अब सबकी सहमति से लेंगे फैसला
बुधवार को विधानसभा में विधेयक पेश होना था, लेकिन नहीं हो सका. जाट आरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट सीएम खट्टर की अगुवाई में मंत्रियों की बैठक में रखा गया, जिस पर कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई. सरकार जाट सहित 5 जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी में है. ऐसी स्थिति में सरकार ने अब ऐसे ड्राफ्ट को तैयार करने का फैसला किया है, जिससे सभी सहमत हों.
सरकार को मिली थी दोबारा आंदोलन की धमकी
इसके पहले ऑल इंडिया जाट संघर्ष कमेटी के नेतृत्व में जाट समुदाय ने धमकी दी थी कि यदि राज्य की बीजेपी सरकार ने 17 मार्च तक उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे फिर से आंदोलन शुरू कर देंगे. कमेटी के प्रमुख यशपाल मलिक ने कहा था, '17 मार्च को हम अगले चरण पर फैसला लेंगे कि सड़क पर जाम लगाना है, रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करना है या किसी दूसरे तरह का आंदोलन करना है.'
पिछले महीने हुई थी हिंसा
गौरतलब है कि आरक्षण को लेकर हरियाणा में पिछले महीने जाट समुदाय ने आंदोलन किया था. जाट आरक्षण आंदोलन का केंद्र रहे रोहतक सहित झज्जर, कैथल, जींद, सोनीपत और भिवानी में हिंसा हुई थी. हिंसा को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर हरियाणा पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी. आंदोलन के दौरान 30 लोगों की मौत हुई थी.